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झारखंड के स्कूलों में एक तिहाई छोटा होगा पाठ्यक्रम, जान लें कारण 

लॉकडाउन की वजह से राज्य के सरकारी स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा तक का पाठ्यक्रम छोटा होगा। 2020-21 शैक्षणिक सत्र के करीब एक तिहाई पाठ्यक्रम में कटौती करने की तैयारी चल रही है। अप्रैल से शुरू होने...

rupesh रांची | हिन्दुस्तान ब्यूरो, Sun, 14 June 2020 01:38 AM
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लॉकडाउन की वजह से राज्य के सरकारी स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा तक का पाठ्यक्रम छोटा होगा। 2020-21 शैक्षणिक सत्र के करीब एक तिहाई पाठ्यक्रम में कटौती करने की तैयारी चल रही है। अप्रैल से शुरू होने वाला शैक्षणिक सत्र अगस्त से पहले शुरू करने की संभावना भी कम नजर आ रही है। ऐसे में चार महीने की पढ़ाई की भरपाई के लिए कोर्स में 30 फ़ीसदी की कटौती की जाएगी। झारखंड शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (जेसीईआरटी) इसकी तैयारी कर रहा है।  

जेसीईआरटी पहली से 12वीं तक पढ़ाए जाने वाले हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान की किताबों में से चैप्टर कम करेगा। बच्चों के बीच मिल रही किताबों में पूरे चैप्टर हैं, लेकिन स्कूल खुलने के बाद उन्हें उनमें से महत्वपूर्ण चैप्टर को ही पढ़ाया जाएगा। हिंदी-अंग्रेजी में जहां कहानी कविता के अध्याय को कम पढ़ाया जाएगा, वहीं, विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान में गैर जरूरी अध्यायों को नहीं पढ़ाया जाएगा।

असमंजस में मैट्रिक और इंटर के छात्र : वर्ष 2021 के फरवरी-मार्च में मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं होनी हैं। मैट्रिक और इंटर के छात्र असमंजस में हैं कि उनके कोर्स में क्या कटौती होगी या उन्हें पूरा पाठ्यक्रम पढ़ना होगा। केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद हाई और प्लस टू स्कूलों में जुलाई के तीसरे सप्ताह से पढ़ाई शुरू हो सकेगी। ऐसे में मैट्रिक और इंटर के कोर्स हर दिन दो घंटे एक्स्ट्रा क्लास से पूरा करने की तैयारी है। हर बच्चे तक नहीं पहुंच पा रहा डिजिटल कंटेंट: स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग लॉकडाउन में स्कूल बंद होने पर डिजिटल कंटेंट के जरिए पहली से 12वीं तक के बच्चों को पढ़ा रहा है। 

   व्हाट्सएप और दूरदर्शन के जरिए दिए जा रहे हैं डिजिटल कंटेंट सभी बच्चों तक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। 45 लाख बच्चों में से 11 लाख बच्चों तक ही यह मिल पा रहा है। ऐसे में स्कूल खुलने के बाद सभी बच्चों को शुरू से एक समान पढ़ाना होगा। जिन बच्चों को डिजिटल कंटेंट मिला या जिन्हें नहीं मिला सभी को नए सिरे से पढ़ाना होगा। 

कटौती के बाद एक तरह होगा कोर्स : पाठ्यक्रम में कटौती के बाद सभी स्कूलों के लिए एक समान कोर्स होंगे। शिक्षकों को उसी आधार पर बच्चों को पढ़ाना होगा। इसी आधार पर अगले साल  संबंधित क्लास के प्रश्न पूछे जाएंगे। बच्चों को जो कुछ पढ़ाया जाएगा प्रश्न भी उसी से आएंगे। इसी आधार पर मैट्रिक, इंटरमीडिएट समेत आठवीं, नौवीं और ग्यारहवीं के छात्र-छात्राओं को बोर्ड देना होगा। इसके लिए झारखंड एकेडमिक काउंसिल को पहले से यह बताया जाएगा कि इस साल पाठ्यक्रम में  कितनी कटौती की गई और किस विषय में कौन से चैप्टर की पढ़ाई हो सकी है। इसी आधार पर प्रश्न तैयार  किए जाएंगे।

स्कूल के समय में भी होगा बदलाव : स्कूल खुलने के बाद इसके समय में भी बदलाव किया जाएगा। स्कूलों की अवधि सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक हो सकेगी। इससे दो घंटे ज्यादा पढ़ाई स्कूलों में हो सकेगी जिससे ज्यादा से ज्यादा कोर्स पूरा कराने का प्रयास होगा।  इसके अलावा शनिवार को भी अन्य दिनों की तरह फुल डे स्कूल चलेगा। महापुरुषों की जयंती और पर्व त्योहारों में भी स्कूलों का संचालन होगा। इस तरह की तैयारी चल रही है। स्कूल के समय में परिवर्तन कर पाठ्यक्रम को कम समय में पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।  

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