ऐसे कैसे जीतेंगे कोरोना से जंग! रिम्स सहित कई अस्पतालों में खत्म हुई दवाएं, विटामिन डी के लिए भी भटक रहे मरीज
राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज रांची के रिम्स के साथ धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज और दुमका फूलोझानो मेडिकल कॉलेज में कोरोना की दवाएं खत्म हो चुकी हैं। इसके अलावा चाईबासा, साहेबगंज,...
राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज रांची के रिम्स के साथ धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज और दुमका फूलोझानो मेडिकल कॉलेज में कोरोना की दवाएं खत्म हो चुकी हैं। इसके अलावा चाईबासा, साहेबगंज, गिरिडीह, लातेहार व देवघर सदर अस्पताल में कोरोना के उपचार में प्रयुक्त होने वाली अधिकांश दवाएं खत्म हो चुकी है।
सदर अस्पताल सरायकेला, गुमला, पूर्वी सिंहभूम एव मेडिकल कॉलेज हजारीबाग व पूर्वी सिंहभूम में कोरोना की कई दवाएं नहीं हैं। इसे देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला ने राज्य के सभी सिविल सर्जनों को पत्र लिखकर दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।
निदेशक औषधि ने भेजा था ब्योरा
राज्य के सभी सदर अस्पताल व मेडिकल कॉलेजों के औषधि भंडारों में उपलब्ध कोरोना की दवाओं की जांच निदेशक औषधि की ओर से कराई गयी थी। इसके बाद नौ जून और 15 जून तक उपलब्ध दवाओं का पूरा ब्योरा निदेशक औषधि ने निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य को भेजते हुए उसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए अग्रेतर कार्रवाई का अनुरोध किया था।
रिम्स में विटामिन डी की भी किल्लत
दवाओं की उपलब्धता के मामले में अन्य सदर अस्पतालों की बात तो दूर सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की स्थिति दयनीय है। कोरोना में सर्वाधिक उपयोग आने वाली फेवीपिराविर, ओसेल्टामिविर सरीखी दवाएं तो नहीं ही है, विटामिन डी, मांटूलोकास्ट सेट्रीजिन, एमलोडिपिन, डेक्सामेथासोन, मेटोप्रोलोल आदि कई दवाएं पूरी तरह खत्म है।
जबकि एमजीमए, जमशेदपुर की बात करें तो वहां भी फेवीपिराविर, ओसेल्टामिविर समेत जिंक व विटामिन डी, मांटूलोकास्ट सेट्रीजिन, एमलोडिपिन, डेक्सामेथासोन, मेटोप्रोलोल आदि अधिकांश दवाएं खत्म है। राज्य के अधिकांश अस्पतालों की स्थिति कमोबेश यही है।