धोखाधड़ी केस में एक्ट्रेस अमीषा पटेल ने किया सरेंडर, रांची सिविल कोर्ट ने दी जमानत; जानें पूरा मामला
धोखाधड़ी और धमकी देने के 5 साल पुराने मामले में अभिनेत्री अमीषा पटेल ने रांची सिविल कोर्ट में सरेंडर किया। अमीषा ने कोर्ट एरिया में अपने चेहरे से नकाब नहीं हटाया। 21 जून को दोबारा पेशी होगी।
धोखाधड़ी के पांच साल पुराने मामले में फिल्म अभिनेत्री अमीषा पटेल ने शनिवार को रांची के सिविल कोर्ट में सरेंडर किया। न्यायिक दंडाधिकारी दिग्विजय नाथ शुक्ला की अदालत ने अमीषा को 10-10 हजार के दो निजी मुचलके पर जमानत दी।
इस मामले में समन के बावजूद कई तारीखों में उपस्थित नहीं होने के कारण अदालत ने अमीषा के खिलाफ तीन अप्रैल को वारंट जारी किया था। मामले में अगली सुनवाई 21 जून को होगी। अदालत ने अमीषा पटेल को अदालत में उपस्थित रहने को कहा है।
बता दें कि झारखंड के फिल्म निर्माता अजय सिंह की ओर से अमीषा और उनके बिजनेस पार्टनर कुणाल के खिलाफ चेक बाउंस, धोखाधड़ी और धमकी मामले में मुकदमा किया गया था। अरगोड़ा निवासी अजय कुमार सिंह ने अमीषा के खिलाफ 17 नवंबर 2018 को सीजेएम कोर्ट में धोखाधड़ी का मुकदमा किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि फिल्म देसी मैजिक बनाने के नाम पर अमीषा पटेल ने उनसे ढाई करोड़ रुपए लिए थे। जब फिल्म जून 2018 में रिलीज नहीं हुई तो अजय सिंह ने पैसे वापस मांगे। टालमटोल के बाद अक्तूबर 2018 में ढाई करोड़ एवं 50 लाख रुपए के दो चेक दिए, जो बाउंस हो गए। इसके बाद अजय सिंह ने मुकदमा किया।
शिकायतकर्ता अजय कुमार सिंह के वकील विजयलक्ष्मी श्रीवास्तव के दबाव के कारण अमीषा पटेल को अदालत में सरेंडर करना पड़ा। अमीषा के खिलाफ कोर्ट ने 3 अप्रैल को वारंट जारी किया था। 6 अप्रैल को वारंट कोर्ट से निकला था।
20 अप्रैल को मुंबई पुलिस को वारंट की कॉपी मिली। लेकिन वहां के डीसीपी और एसीबी की ओर से कहा गया अमीषा पटेल का सुराग नहीं मिल पा रहा है। जब इसकी जानकारी विजयलक्ष्मी श्रीवास्तव को मिली तब्बू मुंबई के दोस्त वकील से संपर्क कर पूरी बात बताई। दोस्त वकील ने वह के डीसीपी के सामने पूरी बात रखें। उस समय बताया गया कि अमीषा पटेल इन दिनों एक फिल्म के प्रमोशन में जुटी है और इसके बाद उन्हें वारंट की जानकारी दी गई। रांची सिविल कोर्ट में अमीषा पटेल को व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होकर सरेंडर करने का आदेश दिया गया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि अगर 21 जून तक अमीषा पटेल सरेंडर नहीं करती हैं तो उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होगा। बता दे पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार किया है। सिर्फ आईपीसी की धारा 406 और 420 में सुनवाई तक स्टे है।