झारखंड के इस जंगल में लगी आग, गांव में घुस आए 40 हाथी; दहशत में लोग
झारखंड में जंगली हाथियों और इंसानी के बीच संघर्ष खत्म होता नहीं दिख रहा। बीते कुछ महीनों में यह संघर्ष बढ़ता ही जा रहा है। अब रांची के पास सिल्ली नाम की जगह में एक गांव में 40 हाथियों का झुंड घुस आया
झारखंड में जंगली हाथियों और इंसानी के बीच संघर्ष खत्म होता नहीं दिख रहा। बीते कुछ महीनों में यह संघर्ष बढ़ता ही जा रहा है। अब राजधानी रांची के पास सिल्ली नाम की जगह में एक गांव में 40 हाथियों का झुंड घुस आया है। हाथियों ने गांव में ही डेरा जमा लिया है। कई मकानों को ध्वस्त किया और फसलों को भी नष्ट करने की बात सामने आई है। हाथियों को नियंत्रित करने में वन विभाग के हाथ-पांव फूल रहे हैं। हालांकि, वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि हाथियों को खदेड़ने या भगाने का प्रयास ना करें। आसपास पटाखे ना जलाएं। हाथियों के पास जाने से जान को खतरा हो सकता है।
सिल्ली के जंगलों में 1 सप्ताह से लगी आग
दरअसल, सिल्ली के जंगलों में बीते 1 सप्ताह से आग लगी है। हाथियों का झुंड इस जंगल को अपने विचरण के लिए कॉरिडोर के तौर पर इस्तेमाल करता है। आग लगने से उनका रास्ता छिन गया और वे गांव में घुस आए। सिल्ली जंगल के पास बंता गांव में हाथियों ने डेरा डाल दिया है। 40 हाथियों के झुंड में कई बच्चे भी हैं। वहीं, हाथियों को लेकर गांव वालों में भी काफी कौतुहल है।
सिल्ली थाना प्रभारी लोगों से की खास अपील
गौरतलब है कि हाथी बंता गांव में जमे हैं। इस बीच स्थिति की गंभीरता को देख सिल्ली थाना प्रभारी आकाशदीप दलबल के साथ बंता पहुंचे। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे हाथियों के समीप ना जाएं। इससे हाथी उग्र होकर हमला कर सकते हैं। वन विभाग के कर्मी हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने के प्रयासों में जुटे हैं। स्थानीय लोगों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 2 दिन पहले हाथी तुनकू जंगल में थे लेकिन जंगल में आग लग गई। हाथियों को निर्धारित मार्ग से आगे बढ़ने में मुश्किल आई तो उन्होंने गांव का रुख कर लिया।
हाथियों और इंसानों का टकराव क्यों बढ़ गया
वन विभाग के रेंजर राजेश कुमार सिंह ने हाथियों के गांव में घुस आने का कारण बताते हुए कहा कि सिल्ली दरअसल, हाथियों का जंक्शन है। यहां का जंगल उनका प्रमुख कॉरिडोर है। सरायकेला से रामगढ़ या बंगाल की ओर जाते समय हाथी यहां पहले भी रूकते हैं। सिल्ली का जंगल उनका ठिकाना है। इस समय, महुआ चुनने के लिए ग्रामीणों ने जंगल में आग लगा दी जिसकी वजह से हाथी भटक गए।
जनवरी में हाथी ने 16 लोगों को मार डाला था
गौरतलब है कि जनवरी महीने में महज 12 दिनों में जंगली हाथी ने 16 लोगों को मार डाला था। जंगली हाथी ने लोहरदगा, रामगढ़, चतरा और रांची में 1 दर्जन से ज्यादा लोगों को मार डाला। उस समय वन विभाग ने अनुमान लगाया था कि सभी लोगों की हत्या 1 ही हाथी ने की है। पर्यावरणविदों का मानना है कि जंगलों में इंसानी अतिक्रमण, उनके कॉरिडोर में सड़क और रिहायशी इलाकों का निर्माण, रिजॉर्ट या होटल बन जाने से हाथी परेशान हैं। उनका स्वाभाविक कॉरिडोर छिन गया जिसकी वजह से हाथी चिड़चिड़े हो गए हैं।