मां को घर में बंद कर सास-ससुर संग कुंभ गया बेटा, 3 दिन बाद भूख से बिलबिलाती महिला रोने-चीखने लगी
- पड़ोसियों ने बताया कि अखिलेश अपनी मां को घर में बंद कर अपने सास-ससुर को लेकर कुम्भ चला गया। बेटे का ऐसा व्यवहार शर्मसार करने वाला है। घटना के बाद से स्थानीय लोगों में बेटे और बहू के लिए गुस्सा देखा जा रहा है।
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झारखंड के रामगढ़ से अमानवीयता का एक विचलित करने वाला मामला सामने आया है, यहां के अरगड़ा में एक बेटा अपनी बुजुर्ग मां को घर में बंद कर कुंभ में स्नान कमाने चला गया। वह अपने बीवी-बच्चों और सास-ससुर के साथ प्रयागराज में पुण्य कमाने गया। हालांकि इस दौरान अपनी मां को घर में अकेला और बेसहारा छोड़कर गया। घर में बंद मां तीन दिन तक भूखी-प्यासी रही, इसके बाद जब भूख सहन नहीं हुई तो वह चीखते हुए रोने लगी। जिसके बाद पड़ोसियों ने उनकी आवाज सुनी और पुलिस के साथ-साथ वृद्धा की बेटी को भी सूचना दी।
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घर पर लगा ताला तोड़कर वृद्ध महिला को घर से बाहर निकाला। उधर बेटी ने मां को सीसीएल के अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उनका इलाज जारी है। पुलिस ने बताया कि इस निर्दयी बेटे का नाम अखिलेश कुमार है। इस बारे में 'हिंदुस्तान' ने जब निर्दयी बेटे से फोन पर बात की तो उसने बताया कि मेरी मां की तबीयत खराब थी। इसी वजह से उनको साथ लेकर कुम्भ नहीं आया। उनके खाने-पीने की व्यवस्था करके ही प्रयागराज आया था। इधर, रामगढ़ एसपी अजय कुमार ने कहा कि यह अमानवीय और शर्मनाक कृत्य है। शिकायत के आधार पर बेटे पर कार्रवाई की जाएगी।
घटना की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि अरगड़ा के सिरका ए टाईप क्वार्टर में रहने वाले सीसीएलकर्मी अखिलेश कुमार तीन दिन पूर्व अपनी वृद्ध मां संजू देवी को घर में बंद कर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ प्रयागराज कुम्भ स्नान के लिए चले गए। वृद्ध मां दो दिन तो जैसे तैसे काट लिए, लेकिन तीसरे दिन वह घर के अंदर ही रोने, चिल्लाने लगी। स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी हुई तो पुलिस को सूचना देकर घर का ताला तोड़ वृद्ध महिला को निकाला और अस्पताल में भर्ती कराया।
घर के अंदर से आ रही रोने, बिलखने और चिल्लाने की आवाज सुन पड़ोसी बुजुर्ग के घर पहुंचे। वहां पहुंचने पर उन्होंने देखा कि मुख्य दरवाजे पर ताला लगा है, लेकिन अंदर से रोने की आवाजें आ रही है। इसके बाद पड़ोसियों ने बगल के सिरका कहु आबेड़ा में रहने वाली संजू देवी की बेटी चांदनी देवी को सूचना दी। सूचना मिलने पर बेटी और एक अन्य रिश्तेदार रामगढ़ थाना पहुंचे और बुजुर्ग महिला को बाहर निकालने की गुहार लगाई।
इसके बाद वार्ड पार्षद तथा अन्य लोगों ने घर का ताला तोड़कर संजू देवी को बाहर निकाला। घर से बाहर निकलने के बाद भूख से बिलख रही संजू देवी की लोगों ने खाना खिलाया और पानी पिलाया। संजू देवी ने बताया कि दो दिन तक उन्होंने चूड़ा खाकर भूख मिटाने की कोशिश की, लेकिन तीसरे दिन भूख के मारे उसके धैर्य ने जवाब दे दिया तब वह घर के अंदर से ही चिल्लाने लगीं। आसपास के लोग बेटे के इस कृत्य की निंदा कर रहे हैं। घटना के बाद से स्थानीय लोगों में बेटे और बहू के लिए रोष देखा जा रहा है।