आनंद मार्ग द्वारा मनाया गया 85 वां प्रथम दीक्षा दिवस
सरायकेला: आनन्द मार्ग स्कूल कांड्रा में श्रावणी पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को आनन्द मार्ग द्वारा 85 वां प्रथम दीक्षा दिवस मनाया गया। साधकों के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है, जहाँ साधना, सेवा, सत्संग...
सरायकेला: आनन्द मार्ग स्कूल कांड्रा में श्रावणी पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को आनन्द मार्ग द्वारा 85 वां प्रथम दीक्षा दिवस मनाया गया। आनंद मार्ग प्रचारक संघ सरायकेला खरसवां के भुक्ति प्रधान गोपाल बर्मन ने कहा कि मनुष्य का जीवन,मुक्ति की आकांक्षा एवं सदगुरु का सानिध्य ये तीन चीजें दुर्लभ है। मनुष्य जीवन को सार्थक बनाने के लिए साधना, सेवा,सत्संग और त्याग के राह पर गम्भीरतापूर्वक चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्णिमा का यह त्योहार आनन्द मार्ग के साधकों एवं साधिकाओं के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण है।आज से 85 वर्ष पूर्व 1939 में आनन्द मार्ग के प्रवर्तक श्री श्री आनन्दमूर्ति जी ने श्रावणी पूर्णिमा के रात्रि में भागीरथी नदी के काशीमित्र घाट पर दुर्दांत डाकू कालीचरण बंधोपाध्याय को तंत्र दीक्षा देकर उनको देवत्व में प्रतिष्ठित किया था। जो बाद में कालिकानन्द अवधूत के नाम से मशहूर हुए। मौके पर आनंद मिलिंद भोज का आयोजन किया गया।
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