6500 करोड़ रुपये से रिम्स का होगा कायाकल्प; कुल बेड क्षमता हो जाएगी 4450- क्या बदलाव होंगे?
- राज्य सरकार भविष्य की जरूरतों को देखते हुए 6500 करोड़ रुपये से पुनरुद्धार कार्य समेत नए संसाधन विकसित करेगी। बेड की कुल क्षमता 4450 हो जाएगी।

झारखंड राज्य के लोगों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) का कायाकल्प होगा। राज्य सरकार भविष्य की जरूरतों को देखते हुए 6500 करोड़ रुपये से पुनरुद्धार कार्य समेत नए संसाधन विकसित करेगी। बेड की कुल क्षमता 4450 हो जाएगी। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कार्ययोजना बनाकर रिम्स प्रबंधन को भेजी है।
इसमें कहा है कि रिम्स में झारखंड ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्य के भी मरीज इलाज कराने आते हैं। अत्यधिक भार को देखते हुए आगामी वर्षों में लगभग 6500 करोड़ रुपए की लागत से रिम्स के री-डेवलपमेंट का प्रस्ताव है। ऐसे में प्रबंधन कार्ययोजना के प्रभावी और समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित करते हुए विभाग को अवगत कराए।
जानिए क्या बदलाव होंगे?
अभी सुपर स्पेशियलिटी समेत कुल बेड की क्षमता 2400 है, जिसे बढ़ाकर 4450 किया जाएगा। नया इन पेशेंट डिपार्टमेंट (आईपीडी) भवन बनेगा, जिससे बेड की क्षमता 2200 से बढ़कर 3500 हो जाएगी। वहीं, सुपर स्पेशलिटी में 200 बेड बढ़ाने को 750 बेड का सुपर स्पेशियलिटी भवन बनेगा। ओपीडी सेवा को अत्याधुनिक बनाने के लिए 5000 क्षमता का नया भवन बनेगा, जिसमें ओपीडी समेत सभी डायग्नोस्टिक टेस्ट होंगे। अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि इसी वित्तीय वर्ष में निर्माणाधीन 115 बेड का क्षेत्रीय नेत्र संस्थान शुरू कर दिया जाएगा।
रिक्तियां भरेंगी, सीटें बढ़ेंगी:
रिम्स में एमबीबीएस (यूजी) की 180 सीटें हैं, जिसे बढ़ाकर 250 की जाएंगी। वहीं, रिक्त शैक्षणिक-गैर शैक्षणिक पद भरे जाएंगे।
● हॉस्टल और डॉक्टर आवास बनेंगे: सीटों में वृद्धि को देखते हुए यूजी-पीजी स्टूडेंट्स के लिए नए हॉस्टल बनेंगे। एकेडमिक ब्लॉक का भी विस्तार होगा। वहीं रिम्स परिसर में स्टेडियम, ऑडिटोरियम और कम्युनिटी सेंटर भी बनेंगे। रिम्स निदेशक, अधीक्षक, डॉक्टर व कर्मी के आवास भी बनेंगे।
● सेंट्रलाइज्ड लैब बनेगा: इसमें सीटी स्कैन, एमआरआई, डिजिटल एक्स-रे समेत अन्य सुविधाएं मिलेंगी