राशन कार्ड वालों के लिए खुशखबरी! अब झारखंड में 2 बार मिलेगा राशन; कब होगी शुरुआत
- झारखंड के ग्रीन राशन कार्ड धारकों के लिए खुशखबरी आई है। अब से इन कार्ड धारकों को महीने में दो बार राशन दिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई है। आइए जानते हैं किस महीने से दो बार राशन का वितरण किया जाएगा।
चुनाव को देख सरकार वोटरों को साधने की हर संभव कोशिश कर रही है। कई घोषणाएं की जा रही हैं। पिछले दिनों 27 सितंबर को मंत्रिपरिषद की बैठक में ग्रीन राशन कार्डधारक लाभुकों की संख्या 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करने का फैसला हुआ। खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा यह फैसला हुआ है कि इन कार्डधारियों के पूर्व के तीन माह के बैकलॉग राशन को अगले तीन माह के साथ सामंजस्य कर दिया जाएगा। बैकलॉग राशन दिसंबर 2023, जनवरी और फरवरी 2024 का होगा। जिसे अगले तीन माह (अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर) में एक साथ क्रमवार दिया जाएगा। वर्तमान में ग्रीन राशन कार्ड धारक लाभुकों की संख्या 17 लाख 986 है। इसमें राशन कार्ड की संख्या 5.47 लाख है।
माह में दो बार अलग-अलग दिन मिलेगा राशन
ग्रीन राशन कार्डधारी लाभुक झारखंड राज्य खाद्यान्न सुरक्षा योजना से आच्छादित हैं। अक्टूबर माह में एक से 15 तक दिसंबर 2023 का और 16 से 31 तारीख तक अक्टूबर 2024 का राशन दिया जाएगा। नवंबर माह में पहले 15 तारीख तक जनवरी 2024 और 16 से 30 तारीख तक नवंबर 2024 का राशन दिया जाएगा। इसी तरह दिसंबर माह में पहले 15 तारीख तक फरवरी 2024 और 16 से 31 तारीख तक दिसंबर 2024 का राशन दिया जाएगा। ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने 15 नवंबर 2020 को राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत ग्रीन कार्ड योजना शुरू की थी। इसके तहत लाभुकों को प्रतिमाह एक रुपये प्रति किग्रा की दर से चावल दिया जाता है।
रांची में शत प्रतिशत हैं लाभुक, सिमडेगा में सबसे कम
मंत्रिपरिषद की बैठक से पहले ग्रीन राशन कार्ड धारकों की जो संख्या 20 लाख थी, उसमें रांची जिले के सभी 1,32,514 लाभुक योजना के लाभ से आच्छादित थे। इसी तरह गिरिडीह, पूर्वी सिंहभूम और धनबाद में भी लाभुकों की संख्या एक लाख से अधिक हैं। इन जिलों के लगभग सभी लाभुक भी योजना के दायरे में हैं। सबसे कम लाभुक सिमडेगा जिले के ऐसे हैं, जो अभी भी योजना के लाभ से वंचित हैं। सिमडेगा में 75,635 ग्रीन कार्ड धारकों की संख्या है। इनमें से मात्र 14,579 लाभुक ही योजना से जुड़े हैं। 61 हजार लाभुक इससे वंचित हैं।