अनुकंपा पर नौकरी के बाद भी दुर्घटना मुआवजे से वंचित नहीं कर सकते : कोर्ट
झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि दुर्घटना में मृतक के परिजनों को अनुकंपा पर नौकरी मिलने के बाद भी मुआवजे से वंचित नहीं किया जा सकता। बीमा कंपनी की अपील को खारिज करते हुए, कोर्ट ने 89.05 लाख रुपए के मुआवजे का...
रांची, विशेष संवाददाता। झारखंड हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि दुर्घटना के बाद मृतक के परिजनों को अनुकंपा पर नौकरी मिलने के बाद भी आश्रितों को दुर्घटना के मुआवजे से वंचित नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही जस्टिस सुभाष चंद की अदालत ने न्यायाधिकरण के आदेश को बरकरार रखा और बीमा कंपनी की अपील खारिज कर दी। कोर्ट ने आदेश में कहा कि कर्मचारी की सेवा अवधि के दौरान मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति का प्रावधान है। इसलिए अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति का मुआवजे की राशि से कोई संबंध नहीं है। मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी को 89.05 लाख रुपए भुगतान करने का आदेश दिया था। बीमा कंपनी ने आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी।
गिरिडीह जिले में सरकारी स्कूल के शिक्षक पैदल जा रहे थे। तभी बाइक से टकरा गए। इसमें उनकी मौत हो गई। पत्नी उर्मिला देवी ने मुआवजा के लिए न्यायाधिकरण में याचिका लगाई थी। बीमा कंपनी का दावा था कि मृतक के बेटे को अनुकंपा पर नौकरी मिल गई है। ऐसे में सड़क हादसे के मुआवजा का भुगतान किया जाएगा तो वह दोहरा लाभ देने के बराबर है। इसलिए न्यायाधिकरण के आदेश को निरस्त किया जाए।
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