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बीएयू को शिक्षकेतर कर्मियों को एसीपी-एमएमसीपी देने पर निर्णय लेने का निर्देश

झारखंड हाईकोर्ट ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय को शिक्षकेतर कर्मियों को एसीपी और एमएसीपी देने पर विचार करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि मामले में पहले भी निर्णय लिया गया था। विश्वविद्यालय को चार...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीThu, 21 Nov 2024 08:00 PM
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रांची, विशेष संवाददाता। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय को शिक्षकेतर कर्मियों को एसीपी और एमएसीपी देने पर विचार करने निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि पूर्व में इस तरह के मामले में फैसला दिया जा चुका है। यह मामला भी उन मामलों से संबंधित है। इसलिए विश्वविद्यालय चार सप्ताह में निर्णय ले। कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका निष्पादित कर दी। इस संबंध में शिक्षकेतर कर्मचारी संघ की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता मुकेश कुमार सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि बिरसा कृषि विवि प्रबंधन की ओर से शिक्षकेतर कर्मियों को एसीपी और एमएसीपी देने का निर्णय लिया गया। इसको लेकर जारी आदेश में कहा गया कि सितंबर 2023 में एरियर के साथ कर्मियों को भुगतान किया जाएगा। लेकिन, अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। हाईकोर्ट  ने  एक समान मामले में आरयू और विनोबा भावे विवि के शिक्षकेतर कर्मियों  को  एसीपी  और एमएसीपी देने  पर  निर्णय  लेने  का  निर्देश  दिया  था।  यह  मामला पूरी  तरह  के  उस  आदेश  के  अंतर्गत  आता  है।  इस  दौरान  सरकार  और बीएयू के  अधिवक्ता  ने  भी  इस  पर सहमति जताई। जिसके  बाद कोर्ट  ने मामले  को निष्पादित  करते  हुए बीएयू को निर्णय  लेने  का  आदेश  दिया।

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