Hindi NewsJharkhand NewsRanchi NewsJharkhand High Court Mandates Equal Coverage for Mental and Physical Health Treatments

मानसिक उपचार को बीमा योजना से वंचित नहीं किया जा सकता: हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि किसी व्यक्ति को कंपनी की चिकित्सा बीमा योजना के तहत मानसिक उपचार से वंचित नहीं किया जा सकता। मानसिक और शारीरिक बीमारियों के उपचार में भेदभाव नहीं होना चाहिए। अदालत...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीWed, 12 Feb 2025 08:47 PM
share Share
Follow Us on
मानसिक उपचार को बीमा योजना से वंचित नहीं किया जा सकता: हाईकोर्ट

रांची, विशेष संवाददाता। झारखंड हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि किसी व्यक्ति को कंपनी की चिकित्सा बीमा योजना के तहत मानसिक उपचार से वंचित नहीं किया जा सकता। मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति या शारीरिक रूप से बीमार व्यक्ति के बीच उपचार और अन्य सुविधाएं देने के मामले में कोई अंतर नहीं हो सकता। जहां तक ​​उपचार का सवाल है, दोनों को बिना किसी भेदभाव के समान दर्जा दिया गया है। जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने संतोष कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। अदालत बीसीसएल को प्रार्थी की पत्नी के मानसिक उपचार में हुए खर्च की भरपायी करने का निर्देश दिया। प्रार्थी ने अपनी पत्नी के मानिसक इलाज के लिए कंपनी के स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत इलाज कराने के लिए आवेदन दिया था। लेकिन, कंपनी ने कहा कि बीमा योजना का लाभ शारीरिक उपचार के लिए है, मानसिक उपचार के लिए योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता। इसके बाद प्रार्थी ने हाईकोर्ट ने याचिका दायर की।

खर्च की भरपाई करने का दिया निर्देश

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मानसिक स्वास्थ्य सेवा अधिनियम चिकित्सा प्रतिपूर्ति योजनाओं में मानसिक और शारीरिक दोनों बीमारियों के लिए समान उपचार को अनिवार्य बनाता है। विशेष रूप से, अधिनियम की धारा-21(4) के अनुसार बीमाकर्ताओं को शारीरिक बीमारी की समान शर्तों पर मानसिक बीमारी के उपचार के लिए कवरेज प्रदान करना आवश्यक है। न्यायालय ने कहा कि यह वैधानिक निर्देश सभी स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं को मानसिक बीमारी के उपचार के लिए उसी तरह प्रावधान करने का आदेश देता है, जैसा कि शारीरिक बीमारी वाले व्यक्तियों के संबंध में किया जाता है। यह एक समानता खंड भी है, जो चिकित्सा बीमा या मानसिक बीमारी के उपचार के लिए प्रतिपूर्ति की बात आने पर भेदभाव को समाप्त करता है। इसके साथ ही अदालत ने बीसीसीएल को प्रार्थी को खर्च की भरपायी करने का निर्देश दिया।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें