फुटपाथ दुकानदारों के पुनर्वास मामले में हाईकोर्ट ने मांगी अद्यतन रिपोर्ट
सुनवाई के दौरान रांची डीसी कोर्ट में थे मौजूद, वैकल्पिक जगह के बारे में दी जानकारी, जवाब नहीं मिलने पर एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्त कर मामले की जांच करा
रांची, संवाददाता। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की अदालत में मोरहाबादी मैदान से हटाए गए फुटपाथ दुकानदारों के पुनर्वास को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने जिला प्रशासन से वेंडिंग जोन एक का वैकल्पिक स्थान चिह्नित करने की जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अदालत ने नगर निगम से जोन दो और तीन में किए गए कार्यों की अद्यतन रिपोर्ट मांगी है। सुनवाई के दौरान रांची डीसी मंजूनाथ भजंत्री कोर्ट में सशरीर हाजिर हुए। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि वेंडिंग जोन एक में बहुत अतिक्रमण है, जिसे हटाने में कानूनी दांव-पेंच है। वेंडिंग जोन एक की वैकल्पिक जगह चिह्नित की गई है। इसको लेकर रांची नगर निगम भी सहमत है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता अनुराग कश्यप ने कोर्ट को बताया कि जोन दो एवं तीन के निर्माण कार्य में कोई प्रगति नहीं है। अदालत ने नाराजगी जताते हुए सात मार्च तक रांची नगर निगम से इसकी अद्यतन जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा कि अगर जवाब नहीं दिया गया तो एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्त कर मामले की जांच कराई जा सकती है। इस दौरान अदालत ने कहा कि वहां दुकान लगाने वाले गरीब लोग हैं, जिनकी आजीविका इसी से चलती है। जिला प्रशासन और निगम को जल्द से जल्द उनका पुनर्वास करना है। पूर्व में कोर्ट ने मोरहाबादी मैदान से हटाए गए दुकानदारों का पुनर्वास करने का आदेश दिया था। लेकिन अभी तक उन्हें बसाया नहीं गया है, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना दाखिल की गई है।
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