रांची के कई स्कूलों पर CBSE लेगा बड़ा ऐक्शन, मान्यता रद्द होने का खतरा; क्या है वजह
- डमी नामांकन पर सीबीएसई ने सख्ती दिखाते हुए दो दिन पहले दिल्ली और राजस्थान के 21 स्कूलों की संबद्धता रद्द कर दी। बोर्ड के इस कार्रवाई से रांची के भी कई स्कूलों पर खतरा मंडराने लगा है। आइए जानते हैं इसकी वजह क्या है।
डमी नामांकन पर सीबीएसई ने सख्ती दिखाते हुए दो दिन पहले दिल्ली और राजस्थान के 21 स्कूलों की संबद्धता रद्द कर दी। बोर्ड के इस कार्रवाई से रांची के भी कई स्कूलों पर खतरा मंडराने लगा है। खबर है कि रांची में कई स्कूल ऐसे हैं जो डमी छात्रों का दाखिला लेते हैं।
बोर्ड ने पहले ही रेगुलर कक्षा नहीं करने वाले विद्यार्थियों का नामांकन लेने से मना किया था। बावजूद इसके कई स्कूलों में डमी विद्यार्थियों का नामांकन होता रहा है। इस बात का खुलासा उस समय हुआ था, जब इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षा में सफल होने वाले कई विद्यार्थी रांची में भी नामांकित पाए गए। जबकि इन परीक्षाओं की तैयारी उन्होंने दूसरे राज्यों में रहकर पूरी की थी।
पिछले साल राज्य के 10 स्कूलों की मान्यता रद्द
यह पहली बार नहीं है, जब सीबीएसई ने स्कूलों पर कार्रवाई की है। 2023 में झारखंड के 10 स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई थी। इन स्कूलों में बोर्ड के मानदंडों का पालन नहीं करने का आरोप सिद्ध हुआ था। अब सीबीएसई की लगातार स्कूलों पर कार्रवाई के चलते डमी विद्यार्थियों का नामांकन लेने वाले स्कूलों की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं।
अधिक पैसे लेकर स्कूल लेते हैं नामांकन
राजधानी रांची में कई ऐसे सीबीएसई स्कूल हैं, जो डमी विद्यार्थियों का नामांकन लेते हैं। नॉन स्कूलिंग लेने के लिए वे फीस से अधिक पैसों की भी मांग करते हैं। मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने की चाहत रखने वाले कई विद्यार्थी और उनके अभिभावक शहर के मध्यम दर्जे के स्कूलों में नामांकन कराने के लिए अधिक पैसे खर्च करते हैं।
इस तरह होता है खेल
11वीं में दाखिला लेने के बाद ये विद्यार्थी दूसरे राज्यों में रहकर आगे की तैयारी करते हैं। दो साल पहले शहर के एक स्कूल में आईआईटी के लिए टॉपर को लेकर विवाद भी हुआ था।
● नामांकन ले छात्र उच्च शिक्षा की तैयारी को जा रहे दूसरे राज्य
● नॉन स्कूलिंग को लेकर अब स्कूलों की बढ़ेंगी मुश्किलें
● नियमित कक्षा नहीं करने वालों को चेता चुका है बोर्ड
● इंजीनियरिंग-मेडिकल परीक्षा में सफल छात्र पाए गए थे रांची में नामांकित
● नॉन स्कूलिंग का ऑफर स्वीकाना ही गलत
अभिभावक कोचिंग संस्थानों को देते हैं ज्यादा तवज्जो
अभिभावक अपने बच्चे को मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए स्कूल से ज्यादा कोचिंग संस्थानों को तवज्जो देते हैं। इसमें कोचिंग संस्थानों की भी स्कूलों से सांठ-गांठ रहती है। वे हाई पैकेज में तैयारी के लिए नामांकन लेने के एवज में छोटे स्कूलों में नामांकन कराने की सलाह भी देते हैं। वे खुद स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों का नामांकन कराते हैं और कक्षाओं से छुट्टी दिलाने का काम करते हैं।
नॉन स्कूलिंग का ऑफर स्वीकारना गलत : प्राचार्या
गुरुनानक स्कूल की प्राचार्या डॉ कैप्टन सुमित कौर बोलीं, अभिभावक और बच्चों के दिमाग से नॉन स्कूलिंग का कॉन्सेप्ट हटाना जरूरी है। हमारे पास क्लास आठ के लिए भी अभिभावक नॉन स्कूलिंग नामांकन के लिए आते हैं। नॉन स्कूलिंग के ऑफर को स्वीकार करना गलत है। कहा कि कोचिंग सेंटर सिर्फ 11वीं 12वीं नहीं छठी के बच्चों को भी डैमेज कर रहे हैं। डमी नामांकन नहीं लेने से हमारी कई सीटें खाली रहती हैं, लेकिन कई स्कूल इन नियमों को नहीं मानते। यह बच्चों के लिए भी घातक है। सिर्फ मेडिकल-इंजीनियरिंग ही करियर नहीं है। यह हमें बच्चों को बताना होगा।