मंईयां सम्मान योजना के बराबर मिले सामाजिक पेंशन, BJP की मांग; क्या बोली झारखंड सरकार
- झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के आठवें दिन गुरुवार को मंईयां सम्मान योजना की राशि के बराबर सामाजिक पेंशन राशि देने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में खींचतान हुई। भाजपा विधायकों ने वृद्धा, दिव्यांग और विधवा पेंशन की राशि 2500 रुपये करने की मांग की। सरकार ने इसपर जवाब भी दिया।

झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के आठवें दिन गुरुवार को मंईयां सम्मान योजना की राशि के बराबर सामाजिक पेंशन राशि देने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में खींचतान हुई। भाजपा विधायकों ने वृद्धा, दिव्यांग और विधवा पेंशन की राशि 2500 रुपये करने की मांग की, जिसे लेकर दोनों ओर से लंबी बहस हुई।
भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी के अल्पसूचित प्रश्न से शत्रुघ्न महतो के तारांकित प्रश्न तक करीब 25 मिनट की चर्चा के बाद विपक्षी दल भाजपा के विधायक वेल में घुसकर नारेबाजी करने लगे। उन्होंने मंईयां के बराबर रसोईया, स्वास्थ्य सहिया, दिव्यांग, वृद्धा, विधवा पेंशन देने की मांग करते हुए हंगामा किया और 1157 बजे सदन से वॉकआउट कर गए। सत्ता पक्ष से पूर्व वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने भी कहा कि मंईयां योजना तारीफ के काबिल है, लेकिन व्यावहारिक रूप से रसोइया बहनों को भी बराबर मानदेय देने पर सरकार को विचार करना चाहिए। क्षेत्र में इसकी मांग उठ रही है। देखें P02
इससे पहले भाजपा के सत्येंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि राज्य में 18 से 50 साल तक की महिलाओं को 2500 रुपये मंईयां राशि मिलती है। वही मंईयां 51 साल की हो जाती है तो पेंशन राशि घटकर 1000 रुपये हो जाती है।
यह भी कहा कि स्कूलों में भोजन बनाने वाली रसोईया को 2000 रुपये मानदेय मिलता है? क्या सरकार रसोईया को भी मंईयां बराबर राशि देने पर विचार करेगी? उनका यह भी प्रश्न आया कि यदि मंईयां लाभुक महिला के विधवा या दिव्यांग हो जाने पर उसे मंईयां योजना का लाभ दिया जाएगा या नहीं? उन्होंने बताया कि राज्य में 2.85 लाख विधवा और करीब 72 हजार दिव्यांग हैं। ऐसे में सरकार व्यावहारिक दृष्टिकोण से मंईयां के बराबर रसोइया का मानदेय करने की घोषणा करे। इस मांग का समर्थन भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी समेत नीरा यादव, नवीन जायसवाल ने भी किया। भाजपा की ओर से कहा गया कि मंईयां सम्मान योजना महिला सशक्तीकरण के लिए है तो रसोईया, विधवा, दिव्यांग के सशक्तिकरण के लिए राशि बढ़ाई जाए।
मंईयां के बराबर सामाजिक पेंशन की मांग को लेकर भाजपा के कई सदस्य एक साथ खड़े हुए तो स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने कहा कि तीन सदस्यों में से किसे बोलने का अवसर दिया जाए। आप सदस्य ही तय करें। क्योंकि बाद में आप सदस्य ही सदन के बाहर जाकर आसन पर पक्षपात का आरोप लगाते हैं। एक को समय दें तो दूसरा बाहर जाकर बोलेगा कि भेदभाव होता है। यह तो चित भी मेरी, पट भी मेरी वाली बात हुई।