झारखंड में ऊर्जा निगम में 109 करोड़ के गबन में 900 लोगों को नोटिस, CID की एसआईटी ने शुरू कर दी कार्रवाई
- झारखंड ऊर्जा निगम में 109 करोड़ के गबन मामले में सीआईडी की एसआईटी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। यह राशि झारखंड और प. बंगाल के जिन 900 लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है।
झारखंड ऊर्जा निगम में 109 करोड़ के गबन मामले में सीआईडी की एसआईटी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। यह राशि झारखंड और प. बंगाल के जिन 900 लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है, उन सबको एसआईटी ने नोटिस भेजा है। साथ ही उनसे बैंक खातों में आई राशि के बारे में दस्तावेज के साथ जानकारी मांगी है। नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर वे जानकारी उपलब्ध नहीं कराएंगे तो उन्हें दोषी मानते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मामले में चार आरोपी गिरफ्तार
उल्लेखनीय है कि फर्जी अकाउंट बनाकर अवैध हस्तांतरण का केस 28 सितंबर को धुर्वा थाने में दर्ज कराया गया था। इसमें जेटीडीसी के तत्कालीन लेखापाल सह कैशियर गिरिजा प्रसाद सिंह, केनरा बैंक हटिया के तत्कालीन प्रबंधक अमरजीत कुमार, बोकारो के रूद्र सिंह, रांची के डिबडीह के लोकेश साह को आरोपी बनाया गया। यह केस जब सीआईडी को सुपुर्द किया गया तो सीआईडी की एसआईटी ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
यह भी जानिए: कोयला चोरी मामले में 49 के खिलाफ आरोप तय
वहीं आसनसोल (प.बंगाल) के विशेष सीबीआई कोर्ट ने अनूप माजी द्वारा ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से 1340 करोड़ रुपये मूल्य के कोयले की चोरी के मामले में 49 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं। इन प्रभावशाली व्यक्तियों में विकास मिश्रा भी हैं, जिनके भाई तत्कालीन टीएमसी नेता विनय मिश्रा फरार हैं।
सीबीआई द्वारा विशेष अदालत में दायर आरोप पत्र मंगलवार को सार्वजनिक हुआ। आसनसोल की एक विशेष अदालत में दायर अपने आरोपपत्र में, सीबीआई ने आरोप लगाया कि माजी और उसके गिरोह ने 2015 से 2020 के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ईसीएल, संबंधित रेलवे साइडिंग और आसपास के क्षेत्रों से कम से कम 31 लाख मीट्रिक टन कोयला चुराया। आरोपपत्र का संज्ञान लेते हुए विशेष अदालत ने मंगलवार को माजी, विकास मिश्रा और 47 अन्य आरोपियों पर आपराधिक साजिश, चोरी, धोखाधड़ी की धाराओं के तहत आरोप तय किए।