झारखंड में NIA के सरकारी गवाह का हुआ मर्डर; किडनैप करके गला रेतकर जंगल में फेंकी लाश
- झारखंड में एनआईए के सरकारी गवाह की हत्या का मामला सामने आया है। राज्य के टंडवा और बालूमाथ सीमा पर धमधमिया जंगल में रविवार को दिनदहाड़े 48 साल के बिशुन साव को चार अपराधियों ने किडनैप करके मौत के घाट उतार दिया।
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झारखंड में एनआईए के सरकारी गवाह की हत्या का मामला सामने आया है। राज्य के टंडवा और बालूमाथ सीमा पर धमधमिया जंगल में रविवार को दिनदहाड़े 48 साल के बिशुन साव को चार अपराधियों ने किडनैप करके मौत के घाट उतार दिया। घटना रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तब हुई, जब बिशुन साव अपने मवेशियों को चरने के लिए जंगल छोड़कर घर लौट रहा था। टंडवा के पदमपुर पंचायत के लेंबुआ के फागुन साव का पुत्र बिशुन साव आम्रपाली कोल परियोजना के चर्चित टेरर फंडिंग कांड की जांच कर रही एनआईए के केस 03/18 में सरकारी गवाह था।
जानकारी के अनुसार, बिशुन साव अपनी मां शीतली देवी के साथ मवेशियों को चरने के लिए जंगल छोड़ने गया था। इसी दौरान घात लगाये चार नकाबपोश अपराधियों ने बिशुन को दबोच लिया। उसकी मां को मफलर से पेड़ से बांध दिया। इसके बाद बिशुन को पीटते करीब तीन किलोमीटर दूर जंगल में ले गया। वहां तलवार से गला रेत मार डाला। इसके बाद बाइक पर सवार होकर फरार हो गये।
हत्या क्यों और किसने की इस सवाल पर चतरा एसपी विकास पांडे का कहना है कि घटना में उग्रवादी संगठन या फिर किसी अपराधी की संलिप्तता हो सकती है, जांच चल रही है। एनआईए की फुल फॉर्म है - नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण)। इसकी एनआईए की स्थापना 31 दिसंबर, 2008 को हुई थी। यह भारत सरकार की एक जांच एजेंसी है। इसका गठन आतंकवाद से निपटने के लिए किया गया था। एनआईए, देश में आतंकवाद से जुड़े अपराधों की जांच करती है।