झारखंड में मजदूरों के लिए खुशखबरी! हेमंत सोरेन सरकार बढ़ाने जा रही मनरेगा मजदूरी
- झारखंड में मनरेगा श्रमिकों के लिए हेमंत सोरेन सरकार ने खुशखबरी दी है। प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार मनरेगा की मजदूरी की दर बढ़ाने की योजना बना रही है।। अब नए मानकों पर मनरेगा के तहत काम किया जाएगा। ऐसे में मनरेगा मजदूरी बढ़ाने की योजना भी है।
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झारखंड में मनरेगा श्रमिकों के लिए हेमंत सोरेन सरकार ने खुशखबरी दी है। प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार मनरेगा की मजदूरी की दर बढ़ाने की योजना बना रही है।। अब नए मानकों पर मनरेगा के तहत काम किया जाएगा और इसी आधार पर मजदूरी मिलेगी। नए मानक के तहत कम काम पर ज्यादा मजदूरी मिलेगी। इसकी पुष्टि ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने की है। ऐसे में मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी में कुल 78 रुपए की बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। आइए जानते हैं झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने मनरेगा श्रमिकों के लिए क्या योजना बनाई है।
पिछले दिनों हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने झारखंड में मनरेगा मजदूरी की दर बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार के साथ पत्राचार किया था और केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक में भी यह मांग उठाई थी। नए मानक के तहत अब मनरेगा मजदूरों को 73 सीएफटी के बजाय 53 सीएफटी पर मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर 48 सीएफटी मिट्टी खुदाई पर मनरेगा मजदूरी मिलती है। केंद्र सरकार ने मनरेगा मजदूरी के नये दर को सहमति प्रदान कर दी है। मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि अब राज्य के मजदूरों को सम्मान जनक का भुगतान हो पाएगा। इससे झारखंड के मजदूरों को थोड़ी राहत मिलेगी और ज्यादा मजदूरी के लिए उन्हें पलायन नहीं करना पड़ेगा।
कम मजदूरी पलायन की सबसे बड़ी वजह
झारखंड में मनरेगा के तहत काफी कम मजदूरी होने से श्रमिक पलायन कर जाते हैं। वर्तमान में भारत सरकार 245 रुपये प्रतिदिन मानव दिवस सृजन के रूप में मजदूरी दर का भुगतान करती है और झारखंड इसमें अतिरिक्त 27 रुपये प्रदान कर रहा है। ऐसे में सिर्फ 272 रुपये उन्हें मजदूरी मिल रही है। ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे ने केंद्र सरकार से कम से कम 350 रुपये मजदूरी दर निर्धारित करने की मांग की हुई है।