झारखंड के होटल में पकड़ी गईं आधा दर्जन लड़कियां, स्पा में भी पुलिस का छापा; सेक्स रैकेट का खुलासा
- होटल मौर्य में तीन महीने के भीतर रांची पुलिस की यह दूसरी रेड है। इससे पहले जून महीने में भी इस होटल में रेड की गई थी, उसे दौरान भी देह व्यापार के धंधे में शामिल दो लड़कियां पकड़ी गईं थीं।
रांची के अरगोड़ा इलाके में स्थित होटल मौर्या में छापेमारी कर पुलिस की टीम ने सेक्स रैकेट का खुलासा किया है। छापेमारी के दौरान पुलिस की टीम ने होटल से आधा दर्जन लड़कियों समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार, एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा को गुप्त सूचना मिली थी कि होटल मौर्या में देह व्यापार चल रहा है। अरगोड़ा थाना प्रभारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। गठित टीम ने होटल में छापेमारी की। इस दौरान पांच लड़कियां और दो लड़के आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए। पुलिस की टीम पूछताछ कर रही है।
तीन माह में दूसरी बार छापेमारी
गौरतलब हो कि होटल मौर्य में तीन महीने के भीतर रांची पुलिस की यह दूसरी रेड है। इससे पहले जून महीने में भी इस होटल में रेड की गई थी, उसे दौरान भी देह व्यापार के धंधे में शामिल दो लड़कियां पकड़ी गईं थीं।
स्पा में भी पुलिस का छापा
बुधवार को ही रांची पुलिस ने मौर्य होटल के पास स्थित एक स्पा सेंटर में भी छापेमारी की। हालांकि वहां कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला। पुलिस को सूचना मिली थी कि स्पा सेंटर में भी अनैतिक देह व्यापार चल रहा था।
यह भी जानिए: क्यूआर कोड स्कैन करते ही मदद को पहुंचेगी पुलिस
राजधानी रांची की पुलिसिंग को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत अब डायल 112 को क्यूआर कोड से जोड़ दिया गया है। डायल 112 के क्यूआर कोड को राजधानी के 10 हजार ऑटो, बस, दर्जनों एटीएम सहित स्कूल-कॉलेज में लगाया जा रहा है। बुधवार को रांची डीआईजी अनूप बिरथरे, एससपी चंदन कुमार सिन्हा सहित कई पुलिस अधिकारियों ने खुद फील्ड में उतर कर ऑटो सहित कई जगह 112 के क्यूआर कोड को लगाया।
रांची डीआईजी ने बताया कि डीजीपी अनुराग गुप्ता के प्रयास से डायल 112 के लिए पुलिस के टेक्निकल सेल ने क्यूआर कोड डेवलप किया है। क्यूआर कोड को अगर आप मोबाइल से स्कैन करेंगे तो तुरंत वह 112 से कनेक्ट हो जाएगा। इस दौरान आप अगर विपत्ति में हैं या फिर किसी तरह की कोई समस्या में फंसे हुए हैं तो तुरंत आपको पुलिस की सहायता मिलेगी। रांची डीआईजी ने बताया कि वर्तमान में सभी लोग स्मार्टफोन रखते हैं और मोबाइल फ्रेंडली भी हैं। अगर ऐसे लोग थोड़े से जागरूक होंगे तो खुद की मदद तो कर ही पाएंगे, साथ ही जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं, उनकी मदद भी कर पाएंगे।