मंईयां सम्मान योजना लाभार्थियों के लिए एक और तैयारी, महिलाओं को मिलेगा फायदा
Maiyan Samman Yojana: झारखंड सरकार ने मंईयां सम्मान योजना के लाभार्थियों को लेकर नई तैयारी की शुरूआत कर दी है। इसमें हेमंत सोरेन सरकार का प्लान महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ने की तैयारी है। लाभार्थियों को इस समूह से जुड़ने पर कई तरह के फायदे होंगे।
Maiyan Samman Yojana: राज्य सरकार मंईयां सम्मान योजना की लाभार्थियों को सामाजिक कार्यों से जोड़ने और उनमें उद्यमिता विकास के लिए कार्ययोजना बना रही है। ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने निर्देश दिया है कि मंईयां योजना की लाभुकों को एसएचजी (स्वयं सहायता समूह) से जोड़ने का निर्देश अधिकारियों और जेएसएलपीएस को दिया है। इन लाभुकों की सूची महिला बाल विकास विभाग से प्राप्त की जाएगी। इसके बाद इन्हें एसएचजी से जोड़ने की प्रकिया शुरू की जाएगी।
मंत्री ने कहा, राज्य की करीब 32 लाख महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी हैं, जबकि मंईयां योजना से 57 लाख महिलाएं जुड़ चुकी हैं। इस आधी आबादी की ताकत को और बढ़ाने के लिए सरकार इनमें उद्यमिता का विकास भी करने की मंशा रखती है। साथ ही जो उद्यम के क्षेत्र से जुड़ी हैं उनको सेल्फ हेल्प ग्रुप की मदद से मार्केट लिंक किया जाएगा। ताकि, उनके द्वारा तैयार किया गया उत्पाद बाजार में उपलब्ध कराकर महिलाओं की आय का संवर्द्धन किया जा सके। महिलाओं को और सशक्त करने में इससे काफी मदद मिलेगी।
मंत्री दीपिका ने विशेष अभियान चलाकर राज्य में स्वयं सहायता समूहों की संख्या में बढ़ोत्तरी करने पर भी बल दिया है। सभी गांवों में योग्य महिलाओं का स्वयं सहायता समूह गठित किया जाएगा। इस प्रक्रिया की मदद से मंईयां योजना के लाभुकों की सूची तैयार की जाएगी और उन्हें भी एसएचजी से जोड़ा जाएगा। मंत्री ने ये लक्ष्य इसी वित्तीय वर्ष 2024-25 के 31 मार्च के पहले तक पूरा करने को कहा है। राज्य में करीब 57 लाख महिलाओं को मंईयां योजना के तहत अब हर माह 2500 रुपये मिल रहे हैं। सालाना 30 हजार रुपये प्रत्येक लाभुकों को दिया जाना है।
स्वयं सहायता समूह काफी उपयोगी
यह एक गैर लाभकारी संगठन होता है। इनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं। एसएचजी समूहिक निर्णय लेने, साझा जिम्मेवारी ओर आपसी विश्वास पर आधारित होते हैं। गरीबों को वित्तीय सेवाएं देने का काम करते हैं। महिलाओं की उद्यमिता बढ़ाने के लिए लोन भी दिया जाता है। प्रशिक्षण व कौशल विकास भी इसके जरिये होता है। गांवों के विकास में इनका महतवपूर्ण योगदान होता है। सरकारी कार्यक्रम व योजनाओं के प्रसार की भी भूमिका होती है।