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जीवित्पुत्रिका व्रत पर महिलाओं ने रखा निर्जला उपवास

लोहरदगा जिले में महिलाओं ने मंगलवार को निर्जला व्रत रखते हुए जीवित्पुत्रिका व्रत किया। यह व्रत संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। अष्टमी तिथि 24 सितंबर को शुरू होकर 25 सितंबर को समाप्त होगी। माताएं...

Newswrap हिन्दुस्तान, लोहरदगाTue, 24 Sep 2024 11:58 PM
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लोहरदगा, संवाददाता। लोहरदगा जिले में मंगलवार को महिलाओं ने निर्जला व्रत रखते हुए जीवित्पुत्रिका व्रत किया। जिले में दो दिन जीवित्पुत्रिका व्रत किया जा रहा है। जहां कुछ इलाकों में मंगलवार को पूजा की गई। वहीं कुछ स्थानों पर मंगलवार को नहाय- खाय अनुष्ठान किया गया। बुधवार को निर्जला व्रत रखते हुए पूजा-अर्चना की जाएगी और गुरुवार को पारण किया जाएगा। सनातन धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन माताएं अपने संतान की लंबी आयु की कामना के साथ निर्जला व्रत रखती हैं। आचार्य रमेश देव पौराणिक ने बताया कि जीवित्पुत्रिका या जिउतिया व्रत पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष अष्टमी तिथि 24 सितंबर को संध्या 5.57 के पश्चात प्रारंभ होकर 25 सितंबर संध्या 4.56 तक रहेगी। सभी माताएं उदया तिथि के अनुसार अष्टमी पर जिउतिया व्रत 25 तारीख को करेंगी और 26 सितंबर को सूर्योदय के साथ पारण करेंगी। मान्यता है कि जितिया व्रत से संतान की लंबी आयु व खुशहाल जीवन प्राप्त होता है। इस व्रत के प्रभाव से संतान को सुखों की प्राप्ति होती है।

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