सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए रखा निर्जला व्रत
लोहरदगा जिले में सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ निर्जला व्रत रखा। तीज के अवसर पर पूजा-अर्चना विधि-विधान से की गई। महिलाएं दिनभर उपवास रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती की।...
लोहरदगा, संवाददाता। लोहरदगा जिले में सुहागिन महिलाओं ने शुक्रवार को पति की लंबी उम्र की कामना के साथ निर्जला व्रत रखते हुए हरितालिका तीज व्रत अनुष्ठान किया। शुक्रवार सुबह से ही सुहागिन महिलाएं उत्साह के साथ पति के मंगलकामना के साथ निर्जला व्रत रखा। तीज के मौके पर सुहागिन महिलाओं ने सुहाग चिन्ह धारण कर पूरे विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना की। मंदिरों और घरों में व्रत का आयोजन किया गया था। जो सुबह से देर रात तक जारी रहा। सुहागिनों ने पति की लंबी उम्र की प्रार्थना के साथ उपवास रखा। विधि-विधान से हरतालिका व्रत की पूजा करते हुए कथा का श्रवण किया। सामूहिक रूप से पूजा के दौरान सुहागिन महिलाओं ने अपने पति और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना भी की। महिलाओं ने दिन भर बिना अन्न-जल ग्रहण किए उपवास किया। जो शनिवार सूर्योदय के उपरांत पारण के साथ संपन्न होगा।
श्रद्धालु महिलाओं द्वारा बालू से शिवलिंग और मां पार्वती का प्रतिमा का निर्माण कर उसे आकर्षक ढंग से छत्र से सजाया गया था। इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र, अकवन फूल, धतूरा और शमी पत्र अर्पित करते हुए पूजा-अर्चना की गई। अनुष्ठान के दौरान माता पार्वती को श्रृंगार सामग्री और नए वस्त्र अर्पित किये गए। महिलाओं ने सामुहिक रूप से कथा का श्रवण किया। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की आरती की गई।
आचार्य रमेश देव पौराणिक ने बताया कि तीज का व्रत भादो मास के शुक्लपक्ष तृतीया तिथि को मनाई जाती है, इस व्रत के करने से स्त्रियों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। उनकी मनोकामना पूर्ण होती है। तपस्या और निष्ठा के साथ स्त्रियां इस व्रत को करती हैं। प्रसाद के रूप में फल, ठेकुआ, पेड़किया आदि चढ़ा कर पूजा-अर्चना करती हैं। यह व्रत कठिन व्रत है। जिसमें बहुत से नियमों का पालन किया जाता है।
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