अंजुमन इस्लामिया की निगरानी में आज निकलेगा जुलूस ए मोहम्मदी
लोहरदगा में 16 सितंबर को जश्ने ईद मिलादुन नबी मनाया जाएगा। अंजुमन इस्लामिया के सदर और सचिव ने बताया कि जुलूस जामा मस्जिद से निकलकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए वापस आएगा। सजावट के लिए झंडे और...
लोहरदगा, संवाददाता। 12 रबी उल अव्वल के मौके पर 16 सितंबर को अंजुमन इस्लामिया, लोहरदगा के निगरानी में जश्ने ईद मिलादुन नबी मनाने और शरीयत के दायरे में रहकर जुलूस ए मोहम्मदी निकाला जाएगा। यह बातें अंजुमन इस्लामिया के सदर अब्दुल रउफ अंसारी और सचिव शाहिद अहमद बेलू ने संयुक्त रूप से कहीं। उन्होंने कहा कि 16 सितंबर को सुबह साढ़े नौ बजे दिन में शहरी क्षेत्र के सभी मोहल्ले और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले जुलूस जामा मस्जिद पहुंच जाएं। जामा मस्जिद से निकल कर जुलूस ए मोहम्मदी शहर के बड़ा तालाब, बगड़ू मोड़, इमली चौक, टीपू सुल्तान चौक, सोमवार बाजार, पावरगंज स्थित सुभाष चौक, नई सड़क, अलका सिनेमा, महात्मा गांधी रोड, थाना चौक, अपर बाजार, संकट मोचन मंदिर चौक, तेतर तर चौक होते हुए पुन: जामा मस्जिद तक पहुंचेगी। दुआ और दरूदो सलाम के बाद समाप्त होगी। सजवाट के लिए झण्डा बैनर अपने घरों और मुहल्ले पर ही लगाएं। किसी अन्य समुदाय या दूसरों के घरों पर ना लगाएं। कोई भी झंडा बैनर सड़क पर झूलता हुआ नहीं लगाएं। गाड़ियों में डीजे साउण्ड के स्थान पर लाउडस्पीकर लगाएं। गाड़ियों में सिर्फ नाते रसूल का ही कैसेट बजाएं। जुलूस में सरकार की आमद मरहबा, सरदार की आमद मरहबा, दिलदार की आमद मरहबा, गमख्वार की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा, हुजूर की आमद मरहबा जैसे नारे ही लगाये जायेंगे। जुलूस ए मोहम्मदी में सबसे पहली पंक्ति में स्थानीय मस्जिदों के आइमा कराम शामिल होंगे। दूसरे सफ में इस्लामी मदारिरसों के नाजिम और तीसरे सफ में अंजुमन के सदर, सचिव, मजलिस ए अम्मा के नाजिम एवं अंजुमन के के अन्य अधिकारी और मेंबर रहेंगे। उसके बाद सभी शामिल होंगे। सदर और सचिव ने बताया कि जामा मस्जिद में बाद नमाज ईशा तकरीर का प्रोग्राम किया जाएगा।
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