माताओं ने पुत्र की लंबी आयु के लिए किया जीवित्पुत्रिका व्रत
लोहरदगा जिले में बुधवार को जीवित्पुत्रिका व्रत की पूजा धूमधाम से हुई। माताओं ने अपने बच्चों की कुशलता के लिए निर्जला व्रत रखा और मंदिरों में पूजा की। जिमूतवाहन और चील-सियार की कथा का श्रवण किया।...
लोहरदगा, संवाददाता। लोहरदगा जिले में बुधवार को जीवित्पुत्रिका व्रत की पूजा आस्था और धूमधाम से हुई। बुधवार सुर्योदय के साथ ही माताओं ने अपने बच्चों की कुशलता के लिए निर्जला व्रत रखते हुए दोपहर बाद से देर शाम तक अपने निजी घरों और मंदिरों में आयोजित सार्वजनिक पूजा में भाग लेते हुए जिमूतवाहन और चील-सियार की कथा का श्रवण किया। गुरुवार को सूर्योदय के साथ पारण के उपरांत 24 घण्टे के निर्जला उपवास के साथ-साथ जीवित्पुत्रिका व्रत का समापन हो जाएगा। इससे पूर्व माताओं ने मंगलवार को नहाय- खाय अनुष्ठान किया था। बताते चले कि सनातन धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन माताएं अपने संतान की लंबी आयु और सुखद भविष्य की कामना में साथ निर्जला व्रत रखती हैं। उदया तिथि के अनुसार अष्टमी पर जिउतिया व्रत का आयोजन होता है जो 25 तारीख को था, 26 सितंबर को सूर्योदय के साथ व्रती माताएं पारण करेंगी।
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