श्री दुबेजी के गोला में आजादी के पूर्व से हो रही पूजा
चंदवा में दुर्गा पूजा 1935 से आयोजित की जा रही है, जिसे स्व. शत्रुघ्न दुबे और अन्य द्वारा शुरू किया गया था। यह पूजा अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। पूजा समिति...
चंदवा प्रतिनिधि। प्रखंड में आजादी के पूर्व वर्ष 1935 से मुख्य शहर स्थित श्री दुबेजी का गोला में होने वाली दुर्गा पूजा चंदवा में सबसे पुरानी है जिसकी शुरुआत स्व. शत्रुघ्न दुबे, स्व भरत दुबे, स्व विश्वम्भर दुबे, स्व शिवव्रत दुबे व अन्य लोगो ने प्रतिमा स्थापित कर मां दुर्गे की पूजा अर्चना शुरू की थी जिसे वर्ष 2016 में सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति का नाम दिया गया। उक्त पूजा अपनी भव्यता के लिए पूरे जिले में विख्यात है। ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण यहाँ जतरा मेला लगता है जिसमे दुर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग पहुँचते हैँ। यहाँ की पूजा पंडाल और लाइटिंग देखने योग्य होती है। लाइट व अन्य सजावट लोगों को काफी आकर्षित करता है। यूं तो चंदवा में सभी पूजा पंडालों में श्रद्धालू बड़ी संख्या में मां के दर्शन को जाते हैं लेकिन श्री दुबेजी गोला में सबसे पुराने समय से हो रही पूजा को लेकर बड़ी संख्या में माता के भक्त पहुँचते हैं। प्रतिदिन संध्या आरती में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आकर माता की आरती मे शामिल होकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। पूजा को लेकर कमिटी का गठन भी हो चुका है। सभी पदधारियों को जिम्मेवारी सौंप दी गई है। पूजा कि तैयारी मे समिति के सभी लोग पुरी तन्मयता से जुट गए हैं।
फोटो-4 श्रीदूबेजी गोला पूजा पंडाल
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