शिक्षा मंत्री सिर्फ मीडिया में ब्यानबाजी न कर धरातल पर उतारें: जिलाध्यक्ष
झारखंड के पारा शिक्षक पिछले 22 साल से ग्रामीण और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा दे रहे हैं। जिलाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार राय ने शिक्षा मंत्री से मीडिया में बयानबाजी के बजाय धरातल पर काम करने को कहा...
कोडरमा। झारखंड के पारा शिक्षक संप्रति सहायक अध्यापक पिछले 22 साल से लगातार ग्रामीण क्षेत्रों, जंगली इलाके,नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार राय ने शनिवार को शिक्षा मंत्री से कहा है कि सिर्फ मीडिया में ब्यानबाजी न कर धरातल पर उतारें। क्योंकि उनके पास शिक्षा विभाग का मंत्रालय है। आकलन विभागीय परीक्षा लिया गया है। पूर्व शिक्षा मंत्री स्व जगरन्नाथ महतो की पहल पर आकलन परीक्षा लिया गया था और यह कैबिनेट से पारित है। पूर्व मंत्री वेतनमान देने यह नियमावली बनाई थी। पूर्व की रघुवर दास सरकार में भी इस पर ड्राफ्ट तैयार किया गया था कि टेट पास और आकलन पास को वेतनमान दिया जाएगा। लेकिन वर्तमान सरकार उस ड्राफ्ट को बदल दिया है। हमलोगों को आपस में बाटने की मंत्री कोशिश नहीं करें। उन्होंने कहा कि कार्यानुभव को आधार मानकर समान काम का समान वेतनमान लागू करना चाहिए। यदि सरकार वेतनमान नहीं देती है, तो वेतनमान समतुल्य मानदेय, जो नियमावली में है, उसे लागू करें। मंत्री और विभागीय अधिकारियों के बीच चार दफा वार्ता हुई है। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है। इसका मतलब साफ है कि मंत्री जी सिर्फ ब्यान करते हैं और उसे धरातल पर लागू नहीं करते। उन्होंने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री चुनाव में हर मंच पर बोले थे कि मेरी सरकार बनी, तो तीन महीने में वेतनमान लागू करेंगे। सिर्फ चुनाव जीतने का तरीका बनाकर रख दिए हैं। आकलन,टेट, प्रशिक्षित सभी कैटेगरी में बिहार राज्य की तरह वेतनमान की मांग की। यदि सरकार नहीं किया तो आने वाला चुनाव में हमलोगों ने भी सरकार की प्रतिकार करेंगे।
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