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झारखंड के 4 जिलों में बनेंगे जू सफारी, खर्च होंगे 800 करोड़; CM हेमंत सोरेन ने दिया था निर्देश

  • झारखंड सरकार ने प्रदेश के चार जिलों में जंगल सफारी बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। सरकार पलामू, दलमा, पारसनाथ और हजारीबाग में ये जंगल सफारी बनाने जा रही है। इसमें कुल 800 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, रांचीWed, 15 Jan 2025 09:21 AM
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वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी (जू सफारी) के शौकीनों को झारखंड सरकार बड़ी सौगात देने जा रही है। पर्यटकों को अब राज्य के कई वन्यजीव अभयारण्यों में जू सफारी का आनंद मिलेगा। पर्यटन विभाग ने ईको टूरिज्म को ध्यान में रखते हुए चार स्थानों पर जू सफारी बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। वे स्थान हैं- पलामू टाइगर रिजर्व, दलमा, हजारीबाग और पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर प्रस्ताव तैयार किया गया है। चारों स्थानों पर प्रस्तावित जू सफारी का संचालन पर्यटन एवं वन विभाग मिलकर करेगा। हर अभयारण्य में जू सफारी पर 200 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है। इस हिसाब से 800 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में पर्यटन विभाग इस राशि का प्रावधान करेगा।

अभयारण्य में बाघ, हाथी सहित जीव-जंतुओं की भरमार

पलामू में झारखंड का इकलौता टाइगर रिजर्व है। यहां पर्यटक विशेष तौर पर बाघ देखने आते हैं। दलमा वन्यजीव अभयारण्य हाथियों को लेकर प्रसिद्ध है। हजारीबाग वन्यजीव अभयारण्य में सांभर, चीतल, नीलगाय, भालू और लकड़बग्घा हैं। पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य में तेंदुआ, सांभर, भौंकने वाले हिरण, लकड़बग्घा, जंगली सूअर, नेवला, जंगली बिल्ली, साही जैसे जानवर पाए जाते हैं।

● सफारी में खुले में घूमते हुए वन्यजीव को पर्यटक कार या बस से देख पाएंगे

● ईको टूरिज्म पर्यावरण अनुकूल पर्यटन है। इसमें पर्यावरण व स्थानीयों को फायदा मिलेगा।

● जंगल भ्रमण के दौरान सैलानी वन क्षेत्र में स्थित कैंटीन का लाभ उठा सकेंगे।

● बांस की झोपड़ियों (बंबू हाट) और कैफेटेरिया में पर्यटकों को आराम और भोजन की सुविधाएं मिलेंगी।

पर्यटन मंत्री ने राजगीर में जंगल सफारी का किया था निरीक्षण

बीते 30 दिसंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पर्यटन विभाग को ईको टूरिज्म के विकास के लिए एक बेहतर कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया था। वन-पर्यावरण एवं पर्यटन विभाग को समन्वय के साथ झारखंड के उन स्थानों को चिन्हित करने कहा था, जहां ईको टूरिज्म की संभावनाएं हैं। इसके बाद ही दोनों विभाग ने यह पहल की। चार जनवरी को पर्यटन मंत्री बिहार के राजगीर पहुंच वहां जू सफारी सहित नेचर सफारी को लेकर स्थानीय अधिकारियों से विचार-विमर्श किया।

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