झारखंड से 2 शहरों के लिए चलेगी वंदे भारत ट्रेन, बजट में ऐलान से रास्ता साफ
- Vande Bharat Train: आम बजट में इस साल वंदे भारत स्लीपर, वंदे मेट्रो और बुलेट ट्रेन जैसी आधुनिक ट्रेनों को शामिल करने पर जोर दिया गया है। इससे टाटानगर से वाराणसी और बिलासपुर मार्ग पर वंदे भारत ट्रेनों के परिचालन का रास्ता साफ होगा।
आम बजट में इस साल वंदे भारत स्लीपर, वंदे मेट्रो और बुलेट ट्रेन जैसी आधुनिक ट्रेनों को शामिल करने पर जोर दिया गया है। इससे टाटानगर से वाराणसी और बिलासपुर मार्ग पर वंदे भारत ट्रेनों के परिचालन का रास्ता साफ होगा। इसके साथ ही हावड़ा-मुम्बई रेल मार्ग पर सुरक्षा कवच और कठोर होगा, क्योंकि बजट में रेल हादसों को रोकने के लिए कवच नामक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) सिस्टम पर जोर दिया गया है।
बजट में इसके लिए फंड आवंटित करने की घोषणा हुई है। रेलवे ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया है। इससे सुरक्षित परिचालन को लेकर नई लाइन बिछाने के साथ अत्यधिक यंत्र लगाए जाएंगे। टाटा से खड़गपुर तक ऑटो सिग्नल सिस्टम लगेगा।
चक्रधरपुर मंडल के राजखरसावां से राजगांगपुर तक ट्रेन परिचालन में बदलाव की तैयारी है। चक्रधरपुर मंडल में चौथी लाइन के लिए भी बजट में फंड का प्रावधान किया गया है। चक्रधरपुर रेल मंडल के एक अधिकारी ने बताया कि बजट में यार्ड विस्तार स्टेशन विकास यात्री सुविधा और सुरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने को कई मद में आवंटन बढ़ाया गया है। इससे दक्षिण पूर्व जोन को झारखंड के चक्रधरपुर और रांची मंडल में विकास के लिए 5000 करोड़ से ज्यादा राशि मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा फुट ओवरब्रिज, ओवर ब्रिज, सबवे के अलावा नए रेल मार्ग के सर्वे पर जोर रहेगा। बजट में रेलवे को पुरानी योजनाओं के लिए भी फंड आवंटन का प्रावधान किया गया है, जिसकी घोषणा पिछले बजट में हुई थी। बजट से टाटानगर और चक्रधरपुर मंडल के यात्रियों को काफी उम्मीदें हैं। बजट में कांड्रा-नामकुम रेलमार्ग और इलू-सिल्ली लाइन, टाटा-बादामपहाड़ रेलमार्ग के दोहरीकरण का काम शुरू होगा। विकास योजनाओं में फंड आवंटित होने की संभावना जताई गई है। दूसरी पुराने ट्रैक को बदलने की घोषणा होगी, ताकि ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जा सके। इसके अलावा दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे अपने पूरे ट्रैक पर कवच सिस्टम लगाने का काम शुरू कर देगा।
जानकार बताते हैं कि चक्रधरपुर मंडल और हावड़ा-मुंबई रेलमार्ग पर सुरक्षित परिचालन एवं स्टेशन विकास योजना के मद में दक्षिण पूर्व जोन को फंड आवंटित हुआ है, लेकिन पिंक बुक नहीं आने तक रेल अधिकारी कुछ भी स्पष्ट करने की स्थिति में नहीं हैं।