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मंईयां सम्मान योजना से जनता पर पड़ेगा भार? CM हेमंत सोरेन ने बता दिया जवाब; प्लान भी बताया

  • Maiyan Samman Yojana: झारखंड सरकार ने प्रदेश की महिलाओं के लिए 2500 रुपए महीने देने का वादा किया है। इसके तहत महिलाओं के खातों में 2 किश्त के पैसे भेजे जा चुके हैं। अब सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर हेमंत सरकार इसके लिए पैसे कहां से लाएगी? क्या जनता पर इसका अतिरिक्त भार बढ़ेगा? सीएम ने जवाब दिया है।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, रांचीWed, 29 Jan 2025 06:46 AM
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मंईयां सम्मान योजना से जनता पर पड़ेगा भार? CM हेमंत सोरेन ने बता दिया जवाब; प्लान भी बताया

Maiyan Samman Yojana: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड की आधी आबादी को सशक्त बनाने के इरादे से चलाई जा रही मंईयां सम्मान योजना से झारखंड की अलग पहचान बनी है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि मंईयां योजना की वजह से किसी पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। सरकार आंतरिक संसाधन से राशि जुटाएगी। सीएम मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में अबुआ बजट की तैयारियों पर बजट पूर्व संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए संबोधित रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार महिला बाल विकास के लिए करीब 25-26 हजार करोड़ रुपये कर्णांकित करती है। जबकि इस विभाग के लिए झारखंड में 15-16 हजार करोड़ बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बजट के जरिए एक ऐसा दस्तावेज तैयार करें, जिससे मूलभूत समस्याओं का समाधान हो। राज्य विकास की ओर आगे बढ़ सके। आंतरिक संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल किया जाए।

विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने कई अहम और प्रभावी सुझाव दिए हैं। इससे आगामी बजट आदर्श और सर्वोत्तम बनाने में मदद मिलेगी। सरकार इन सुझावों पर गंभीरता के साथ अध्ययन कर उसे बजट में शामिल करने पर विचार करेगी। इन सुझावों के माध्यम से हम सतत और समावेशी विकास पर आधारित बजट तैयार करने में सहूलियत होगी।

सर्वोत्तम बजट बनाने पर का लक्ष्य: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने जोर देते हुए कहा कि हेमंत सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025-26 या आने वाले बजट को सर्वोत्तम बनाने का है। बीते पांच साल से राज्य का वित्तीय प्रबंधन बेहतर रहा है। सरकार के पांच साल के अंतिम वर्ष में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के कारण राजस्व संग्रहण और विकास पर असर पड़ता है। दिसंबर 2019 तक राजस्व संग्रह 48 प्रतिशत था। वहीं, दिसंबर 2024 का यह आंकड़ा 54 प्रतिशत तक पहुंच गया। उन्होंने उम्मीद जताई है कि बजटीय खर्च का आंकड़ा 31 मार्च 2025 तक 90 से 95 प्रतिशत तक हासिल किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों की आवश्यकताओं के हिसाब से योजनाओं को बनाने पर जोर दिया। इससे क्षेत्रीय संतुलन पर काम हो सकेगा। उन्होंने उग्रवाद पर काफी हद तक नियंत्रण किए जाने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने बजट बनाने के बाद उससे कितने लोग लाभांवित हुए है, इसका आकलन करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड की आधी आबादी को सशक्त बनाने के इरादे से चलाई जा रही मंईयां सम्मान योजना से झारखंड की अलग पहचान बनी है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि मंईयां योजना की वजह से किसी पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। सरकार आंतरिक संसाधन से राशि जुटाएगी। सीएम मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में अबुआ बजट की तैयारियों पर बजट पूर्व संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए संबोधित रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार महिला बाल विकास के लिए करीब 25-26 हजार करोड़ रुपये कर्णांकित करती है। जबकि इस विभाग के लिए झारखंड में 15-16 हजार करोड़ बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बजट के जरिए एक ऐसा दस्तावेज तैयार करें, जिससे मूलभूत समस्याओं का समाधान हो। राज्य विकास की ओर आगे बढ़ सके। आंतरिक संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल किया जाए।

विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने कई अहम और प्रभावी सुझाव दिए हैं। इससे आगामी बजट आदर्श और सर्वोत्तम बनाने में मदद मिलेगी। सरकार इन सुझावों पर गंभीरता के साथ अध्ययन कर उसे बजट में शामिल करने पर विचार करेगी। इन सुझावों के माध्यम से हम सतत और समावेशी विकास पर आधारित बजट तैयार करने में सहूलियत होगी।

सर्वोत्तम बजट बनाने पर का लक्ष्य वित्त मंत्री

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने जोर देते हुए कहा कि हेमंत सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025-26 या आने वाले बजट को सर्वोत्तम बनाने का है। बीते पांच साल से राज्य का वित्तीय प्रबंधन बेहतर रहा है। सरकार के पांच साल के अंतिम वर्ष में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के कारण राजस्व संग्रहण और विकास पर असर पड़ता है। दिसंबर 2019 तक राजस्व संग्रह 48 प्रतिशत था। वहीं, दिसंबर 2024 का यह आंकड़ा 54 प्रतिशत तक पहुंच गया। उन्होंने उम्मीद जताई है कि बजटीय खर्च का आंकड़ा 31 मार्च 2025 तक 90 से 95 प्रतिशत तक हासिल किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों की आवश्यकताओं के हिसाब से योजनाओं को बनाने पर जोर दिया। इससे क्षेत्रीय संतुलन पर काम हो सकेगा। उन्होंने उग्रवाद पर काफी हद तक नियंत्रण किए जाने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने बजट बनाने के बाद उससे कितने लोग लाभांवित हुए है, इसका आकलन करने का निर्देश दिया।

झारखंड की आय आठ सालों में दोगुनी हरीश्वर दयाल

अबुआ बजट पर संगोष्ठी के दौरान राज्य वित्त आयोग के सदस्य हरीश्वर दयाल ने अबुआ पोर्टल पर आए सुझावों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आठ सालों में आय दोगुनी हुई है। अर्थव्यवस्था 14.2 के दर से बढ़ी है। 2029-30 तक 10 लाख करोड़ का आय होगा। प्रति व्यक्ति आय भी एक लाख से अधिक हुआ है, अगले साल तक यह 1.14 लाख हो जाएगी। उन्होंने ने कहा कि एफडीआई के मामले में कई राज्यों से झारखंड की बेहतर स्थिति है। उन्होंने कहा कि अबुआ बजट को लेकर पहले भी गोष्ठी हुई थी। इस बार 2025-26 के लिए अबुआ पोर्टल लांच हुआ था, जिसपर 1123 सुझाव कई माध्यमों से आए हैं। 16-17 जनवरी को संगोष्ठी में भी विशेषज्ञों ने विचार रखे थे।

अबुआ बजट पर संगोष्ठी के दौरान राज्य वित्त आयोग के सदस्य हरीश्वर दयाल ने अबुआ पोर्टल पर आए सुझावों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आठ सालों में आय दोगुनी हुई है। अर्थव्यवस्था 14.2 के दर से बढ़ी है। 2029-30 तक 10 लाख करोड़ का आय होगा। प्रति व्यक्ति आय भी एक लाख से अधिक हुआ है, अगले साल तक यह 1.14 लाख हो जाएगी। उन्होंने ने कहा कि एफडीआई के मामले में कई राज्यों से झारखंड की बेहतर स्थिति है। उन्होंने कहा कि अबुआ बजट को लेकर पहले भी गोष्ठी हुई थी। इस बार 2025-26 के लिए अबुआ पोर्टल लांच हुआ था, जिसपर 1123 सुझाव कई माध्यमों से आए हैं। 16-17 जनवरी को संगोष्ठी में भी विशेषज्ञों ने विचार रखे थे।

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