झारखंड में निकाय चुनाव नहीं कराना अवमानना, HC ने सरकार को लगाई फटकार, जवाब तलब
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में नगर निगम चुनावों में देरी के लिए हेमंत सोरेन सरकार को फटकार लगाई है। अदालत ने इसे अवमानना का कृत्य करार दिया है। अदालत ने कहा कि नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया के बहाने चुनावों को अनिश्चित काल के लिए टाला नहीं जा सकता है।
झारखंड में नगर निकाय चुनाव नहीं कराए जाने पर हाईकोर्ट ने फिर नाराजगी जताई है। सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने कहा कि यह अवमानना का मामला बनता है। एकलपीठ के आदेश के खिलाफ अपील में खंडपीठ ने भी कहा है कि ट्रिपल टेस्ट की आड़ में निकाय चुनाव को रोका नहीं जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी तरह का फैसला दिया है। ऐसे में कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना अवमानना का मामला बनता है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया कि झारखंड में नगर निकायों का चुनाव ट्रिपल टेस्ट कराने के बाद ही कराया जाएगा। ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया जारी है। इसके बाद अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को करने का आदेश किया। साथ ही सभी पक्षों को अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
उल्लेखनीय है कि पूर्व पार्षद रोशनी खलखो और अन्य ने अवमानना याचिका दायर की है। प्रार्थी की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि एकलपीठ ने चार जनवरी 2024 को राज्य में तीन सप्ताह में नगर निकायों का चुनाव कराने का निर्देश दिया था। इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने अपील करते हुए खंडपीठ में याचिका दायर की थी।
खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद एकलपीठ के आदेश को सही बताया और राज्य सरकार की अपील याचिका खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान राज्य चुनाव आयोग की ओर से अदालत को बताया गया कि भारत निर्वाचन आयोग ने अब तक न तो नई वोटर लिस्ट उपलब्ध कराई है और न राज्य सरकार सहयोग कर रही है। इसलिए झारखंड में नगर निकाय चुनाव नहीं कराया जा सका है।