झारखंड के कोयलाकर्मियों के लिए ऐलान, पीएफ पर 7.6 प्रतिशत मिलेगा ब्याज
- कोयला कर्मियों के पीएफ पर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7.6 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। पिछले वित्तीय वर्ष भी इसी दर से पीएफ पर ब्याज दिया गया था। इस साल पीएफ पर मिलने वाले ब्याज को स्थिर रखा गया है।
कोयला कर्मियों के पीएफ पर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7.6 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। पिछले वित्तीय वर्ष भी इसी दर से पीएफ पर ब्याज दिया गया था। शुक्रवार को हैदराबाद में सीएमपीएफओ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक में इसपर सहमति बनी। वित्त मंत्रालय की स्वीकृति के बाद ब्याज दर की राशि पीएफ फंड में जुड़ेगी। कोयला सचिव विक्रमदेव दत्त की अध्यक्षता में बोर्ड की बैठक हुई।
बैठक में पेंशन फंड के सुदृढ़ीकरण पर विस्तार से चर्चा हुई। हालांकि किसी मुद्दे पर सहमति नहीं बनी। कई अहम सुझाव आए हैं। पेंशन में बदलाव की मांग की गई। अगली बैठक में पीएफआरडी (पेंशन फंड रेगुलेटरी अथॉरिटी) की मौजूदगी में बैठक होगी।
पेंशन फंड को सृदृढ़ करने के लिए कोल इंडिया से प्रतिटन 20 से 25 रुपए तक सेस देने का सुझाव भी आया। पेंशन फंड को लेकर गठित कमेटी पर भी चर्चा हुई। अंदरखाने मिली सूचना के अनुसार कोयला सचिव ने कोल इंडिया चेयरमैन से कहा कि कोल इंडिया पेंशन फंड को लेकर ठोस निर्णय के साथ बोर्ड की अगली बैठक में आए।
इधर एटक के रमेंद्र कुमार ने कहा कि पेंशन में बदलाव पर जोर दिया गया। पेंशन वृद्धि की मांग भी की गई। वहीं केंद्र सरकार की यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लागू करने का भी कुछ ने सुझाव दिया है। इधर गठित कमेटी की ओर से भी अब तक पेंशन मुद्दे पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचने पर चर्चा हुई। सीएमपीएफओ के पेंशन फंड के निवेश पर नजर रखने के लिए क्रिसिल को सलाहकार के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया गया। मालूम हो कि पीएफ फंड के निवेश से कम आमदनी के कारण ब्याज दर कम मिलती है। ज्यादा आमदनी होगी तो ज्यादा ब्याज दर मिल सकेगी।
मालूम हो कि सीएमपीएफओ में पेंशन फंड की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। जमा से ज्यादा निकासी होने के कारण लंबे समय तक पेंशन फंड को जिंदा रखने के लिए अतिरिक्त आर्थिक मदद की दरकार है। इसीलिए सीएमपीएफओ को कोल इंडिया की ओर से प्रतिटन कोयला उत्पादन पर 10 रुपए पेंशन फंड के लिए दिया जाता है। प्रतिटन दस रुपए कम है। इस रकम को 20 से 25 रुपए तक करने पर जोर दिया जा रहा है।
बीएमएस के प्रतिनिधि नाराज
बैठक के दौरान बैठने की व्यवस्था को लेकर बीएमएस के प्रतिनिधि फिर नाराज हुए। कुछ देर के लिए बैठक से बाहर चले गए थे। बाद में शामिल हुए। बीएमएस नेता यूनियनों में पहली सीट पर जगह चाहते हैं। पूर्व से पहली सीट पर एटक के वरिष्ठ यूनियन नेता रमेंद्र कुमार बैठते हैं।