Hindi Newsझारखंड न्यूज़Jharkhand CM Hemant Soren We never support Waqf Amenedment Bill

'वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन कभी नहीं करेंगे', हेमंत सोरेन का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से वादा

  • सीएम सोरेन ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन देते हुए कहा, 'मैंने हमेशा मुसलमानों के न्यायोचित मुद्दों का समर्थन किया है और आगे भी करता रहूंगा। हम अपने मंत्रिमंडल में विधेयक के विरोध में एक प्रस्ताव पारित करेंगे।'

Sourabh Jain एएनआई, रांची, झारखंडWed, 9 Oct 2024 11:48 PM
share Share

झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि वह संसद में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का कभी समर्थन नहीं करेंगे। इस बात की जानकारी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई।

प्रेस रिलीज के मुताबिक मुख्यमंत्री सोरेन यह बात ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह के नेतृत्व में उनसे मिलने पहुंचे एक प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बैठक के दौरान कही। सोरेन ने कहा, 'अगर संसद में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया जाता है, तो हम इसका कभी समर्थन नहीं करेंगे।'

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 'मुख्यमंत्री ने मौलाना सैफुल्लाह को बताया कि विधेयक के प्रति उनका विरोध इस बात से उपजा है कि यह वक्फ अधिनियम को कमजोर बनाता है तथा वक्फ संपत्तियों पर कब्जे का मार्ग प्रशस्त करता है।' उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम संविधान, लोकतांत्रिक मूल्यों, संघवाद और देश की बहुलवादी संरचना के खिलाफ है।

प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने बोर्ड का परिचय मुख्यमंत्री से कराया और उन्हें विधेयक के विभिन्न प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। बोर्ड के कार्यकारी सदस्य एस.क्यू.आर. इलियास ने अपना रुख दोहराया और मुख्यमंत्री से आग्रह किया, 'आदिवासियों और हाशिए पर पड़े वर्गों की आवाज के रूप में, हम आपसे अल्पसंख्यकों के दमन के खिलाफ हमारी लड़ाई में हमारे साथ खड़े होने की उम्मीद करते हैं।'

विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री सोरेन ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन देते हुए कहा, 'मैंने हमेशा मुसलमानों के न्यायोचित मुद्दों का समर्थन किया है और आगे भी करता रहूंगा। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाऊंगा कि यह दुर्भावनापूर्ण विधेयक संसद में पारित न हो। कल हम अपने मंत्रिमंडल में विधेयक के विरोध में एक प्रस्ताव पारित करेंगे।'

चर्चा के दौरान झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हफीजुल हसन अंसारी भी मुख्यमंत्री के साथ थे।

वक्फ (संशोधन) विधेयक 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था और गरमागरम बहस के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया था। यह विधेयक वक्फ संपत्तियों से संबंधित सुधारों और विनियमों को संबोधित करता है, जो मुस्लिम समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वक्फ अधिनियम, 1995, वक्फ संपत्तियों को रेगुलेट करने के लिए बनाया गया था, लेकिन यह लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के आरोपों से ग्रस्त है। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का उद्देश्य डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र सहित व्यापक सुधार पेश करना है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें