Hindi Newsझारखंड न्यूज़जामताड़ाJamtara Celebrates Teej Festival with Fasting and Rituals for Married Women

महिलाओं ने की हरितालिका तीज की पूजा

जामताड़ा में सुहागिनों ने अखंड सुहाग की मनोकामना के लिए तीज का निर्जला उपवास रखा। महिलाओं ने सुबह से ही घरों में उत्साह के साथ पूजा की और मंदिरों में जाकर कथा सुनी। भगवान शिव, देवी पार्वती और गणेश जी...

Newswrap हिन्दुस्तान, जामताड़ाSat, 7 Sep 2024 01:04 AM
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जामताड़ा। अखंड सुहाग की मनोकामना के लिए शुक्रवार को सुहागिनों ने तीज का निर्जला उपवास रखा। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के अलग-अलग गांव की महिलाओं ने सुबह से ही घरों में हर्षोल्लास भरे माहौल में अनुष्ठान शुरू किया। इस त्योहार को लेकर मंदिरों में खासा उत्साह देखने को मिला। सुबह से शाम तक मंदिरों में महिलाएं सोलह शृंगार कर कथा सुनने पहुंची। वहीं बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपने-अपने घरों पर ही तीज की पूजा की। सुहागिनों ने भगवान शिव, देवी पार्वती और गणेश जी की कच्ची मिट्टी से मूर्ति बनायी। इसके बाद मां पार्वती को सुहाग का जोड़ा और श्रृंगार की सामग्रियां अर्पित की गयी। साथी विभिन्न प्रकार के फल, मिष्ठान और पकवान का भोग लगाया गया। तीज की कथा सुनाकर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती की गई। वही बहुत से घर में पंडित से विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कराकर कथाएं सुनी गई। हरतालिका तीज के व्रत में आठों पहर पूजन का विधान है। इसलिए व्रत की रात्रि जागरण करते हुए महिलाओं ने शिव-पार्वती के मंत्रों का जाप, भजन एवं गायन किया। शुक्रवार को दिन में कभी धूप तो कभी छांव दिखा। बादल छाए रहने की वजह महिलाओं को निर्जला व्रत में थोड़ी कम परेशानी हुई। लेकिन दोपहर बाद उमस के कारण व्रतियों परेशानी हुई। शुक्रवार को तृतीया तिथि दोपहर 12:18 बजे तक है। लेकिन सूर्योदय तृतीया तिथि में होने से उदया तिथि के मान के अनुसार, शुक्रवार को पूरे दिन तीज की पूजा हुई। इस व्रत को पहली बार मां पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए रखा था। मां पार्वती ने अन्न, जल त्याग कर कठिन तपस्या की, इसके बाद भगवान शिव ने मां पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार करने का वचन दिया।

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