संयम से जीवन व्यतीत करने वाला प्राणी हमेशा सुखी रहता है: मनीष भैया
मिहिजाम में दिगंबर जैन समाज ने पर्यूषण पर्व के छठे दिन उत्तम संयम धर्म की आराधना की। जैन धर्मावलंबियों ने सुगंध दशमी का पालन करते हुए संयम रखने का संकल्प लिया। विद्यासागर जी महाराज के शिष्य ने बताया...
मिहिजाम, प्रतिनिधि। दिगंबर जैन समाज के पर्यूषण पर्व के छठे दिन शुक्रवार को उत्तम संयम धर्म की आराधना की गई। जैन धर्मावलंबियों ने घरों व दिगंबर जैन मंदिर में धूप जलाकर सुगंध दशमी का पालन किया। इस दौरान उत्तम संयम धर्म के मर्म को आत्मसात कर स्वयं को नियंत्रित करने का संकल्प लिया गया। इस दौरान विद्यासागर जी महाराज के शिष्य बाल ब्रह्मचारी मनीष भैया ने बताया कि पर्यूषण पर्व का छठा दिन अपने इंद्रियों को वश में कर संयम रखने की सीख देता है। संयम से जीवन व्यतीत करने वाला प्राणी हमेशा सुखी रहता है। जिस मनुष्य ने अपने जीवन में संयम धारण करना सीख लिया है, उसका मनुष्य जीवन सार्थक और सफल है। उन्होंने बताया कि उत्तम संयम के पालन से मानव आत्मा से परमात्मा की ओर जाता है। संयम के दो भेद होते हैं एक इंद्रिय संयम और दूसरा प्राणी संयम। यह मोही प्राणी अपने स्वभाव को भूल रहा है। अपनी अज्ञानता का परिणाम है कि सामर्थ शक्तिमान होते हुए भी इसका दास बना हुआ है। इस दौरान महिलाओं ने सुगंध दशमी व्रत का पालन किया। मौके पर दिगंबर जैन समाज के मंत्री अनिल जैन, अध्यक्ष अशोक जैन छाबड़ा, रिंकू जैन, लट्टू जैन, ऋतु जैन, नीरू जैन, संजय जैन, बबलू जैन, दिगंबर जैन महिला मंडल की अध्यक्ष शकुंतला जैन, मंत्री लता देवी जैन, नीता जैन, मधु जैन, प्रीति जैन, पूर्णिमा जैन, ममता जैन, मोना जैन, उषा जैन, उषा कासलीवाल, सुमित्रा जैन आदि उपस्थित थे।
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