एनआईटी जमशेदपुर में स्वदेशी प्रौद्योगिकी व आत्मनिर्भर भारत के महत्व पर चर्चा
एनआईटी जमशेदपुर में पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया गया जिसमें छात्रों को अंतरिक्ष क्षेत्र में अवसर तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसरो के पिछले 55 वर्षों के मिशनों और भविष्य के मानव मिशनों पर...
एनआईटी जमशेदपुर में पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम को मनाने के लिए संस्थान के लगभग 700 यूजी और पीजी छात्र एवं छात्राएं एकत्र हुए। इस अवसर पर एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधार ने चंद्रयान-3 की सफलता में अपने पूर्व छात्रों के योगदान पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को अंतरिक्ष क्षेत्र में अवसर तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बाद आईआईआईटी भोपाल के निदेशक आशुतोष कुमार सिंह ने स्वदेशी प्रौद्योगिकी और आत्मनिर्भर भारत के महत्व के बारे में चर्चा की। मुख्य वक्ता, अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, इसरो अहमदाबाद के डॉ. दीपक मिश्रा ने पिछले 55 वर्षों में इसरो के मिशनों पर विस्तार से प्रकाश डाला और अंतरिक्ष और चंद्रमा पर इसरो के भविष्य के मानव मिशनों के महत्व को रेखांकित किया। एनआईटी जमशेदपुर के सहायक प्रोफेसर डॉ. कुणाल सिंह ने उपग्रह संचार में कोड त्रुटि सुधार एल्गोरिदम के उपयोग के बारे में चर्चा की। यह कार्यक्रम का समापन सहायक प्रोफेसर डॉ. केएस.के सुधामसु के धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ समाप्त हुआ।
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