पूर्व सैनिकों ने मनाया भारतीय वायु सेना दिवस
1932 से लेकर अबतक भारतीय वायु सेना ने अपने शौर्य और समन्वय से दुनिया में एक विशेष स्थान बनाया है। जमशेदपुर में पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा आयोजित वायु सेना दिवस समारोह में पूर्व सैनिकों ने अपने...
1932 से लेकर अबतक भारतीय वायु सेना की ताकत उसका शौर्य और अद्भुत समन्वय है। उसी के बल पर आज हमारी वायु सेना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है। हम दुनिया को शक्ति के साथ शांति और सहयोग का संदेश देने में भी विश्वास रखते हैं। ये बातें अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जमशेदपुर द्वारा आयोजित भारतीय वायुसेना दिवस समारोह के दौरान संगठन के जिलाध्यक्ष विनय यादव ने मंगलवार को कहीं। वें 92वें वायु सेना दिवस पर पूर्व सैनिक सेवा परिषद जमशेदपुर की ओर से शहीद स्मारक गोलमुरी में वायु सेना दिवस पर मौजूद पूर्व सैनिकों को संबोधित कर रहे थे। इन जांबाज सैनिकों में कई सैनिक ऐसे हैं, जिन्होंने 1962, 1965, 1971, कारगिल युद्ध, ऑपरेशन पराक्रम और मेघदूत जैसे ऑपरेशन में हिस्सा लिया था। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ हुआ। तत्पश्चात सुखविंदर सिंह ने संगठन गीत प्रस्तुत किया। अतिथि और नए बने सदस्यों का परिचय संगठन के राजीव कुमार सिंह ने कराया। उसके बाद वायुसेना के इतिहास और संगठन कार्य का विषय कुंदन कुमार सिंह पेश किया। फिर संगठन की तरफ से केक काटा गया और सभी सदस्यों को शुभकामनाएं दी गईं। वायु सेना से रिटायर एचपी भारती ने वायुसेना के दिनों के अपने अनुभव साझा किए। वर्तमान भारत और हमारी वायु युद्धक शक्ति के बढ़ते स्वरूप पर उपस्थित पूर्व सैनिकों ने प्रसन्नता व्यक्त की। भारतीय वायुसेना दिवस एवं संगठन की जानकारी देते हुए मार्गदर्शक जसबीर सिंह ने कहा कि हमारा एक-एक सैनिक संगठन के लिए महत्वपूर्ण है। आर्मी, एयरफोर्स व नेवी से ऊपर उठकर हमलोग बड़े से बड़े कार्यक्रम को भी सफल बना देते हैं। दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ खड़ा होना ही संगठन की मुख्य विशेषता है, जिसके कारण नित्य नए सैनिक संगठन से जुड़ते चले जाते हैं। धन्यवाद ज्ञापन प्रवीण कुमार पांडे ने किया।
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