Hindi Newsझारखंड न्यूज़Himantas reply to Hemant on being called an outsider, First push Mir out, I will go myself

पहले मीर को धक्का देकर निकालो, मैं खुद चला जाऊंगा:बाहरी कहे जाने पर हिमंता का हेमंत को जवाब

  • मीडिया से बात करते हुए असम के सीएम ने कहा, 'दुख की बात है कि JMM के अनुसार गुलाम अहमद मीर झारखण्ड में आ सकते हैं, लेकिन मैं नहीं आ सकता। क्या यह सत्कार केवल एक विशेष समुदाय के लिए ही है?'

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तान, रांची, झारखंडFri, 1 Nov 2024 05:52 PM
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झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के सह चुनाव प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा बीते कई महीनों से प्रदेश में डटे हुए हैं और राज्य की सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार पर निशाना साध रहे हैं। हालांकि झामुमो भी उन्हें लगातार बाहरी बताते हुए उन पर हमलावर है। इसी बात को लेकर शुक्रवार को सरमा का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने खुद को बाहर बताए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर का नाम लेते हुए सीएम हेमंत सोरने से पूछा कि अगर मैं बाहरी हूं तो फिर मीर क्या हैं?

सरमा ने मीर का उदाहरण देते हुए राज्य सरकार पर एक विशेष समुदाय के लिए रेड कारपेट बिछाने का आरोप लगाया, और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मीर को धक्का देकर बाहर निकालकर दिखाने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि जब मीर यहां से चले जाएंगे तो अगले दिन वे भी राज्य छोड़कर चले जाएंगे।

मीडिया से बात करते हुए भाजपा के चुनाव सह-प्रभारी ने कहा, 'असम से क्या हिमंता बिस्व सरमा नहीं आ सकते, क्या बात बोलते हो, एक विशेष समुदाय के लोगों को ही यहां ग्रीन कार्ड है क्या। तो गुलाम अहमद मीर को धक्का मारो, अगले दिन मुझे भी धक्का मारो। लेकिन पहले मीर को धक्का मारो। मैं हेमंत सोरेन को चैलेंज देता हूं, मीर को यहां से धक्का मारो, अगले दिन मैं अपने आप यहाँ से चला जाऊंगा। लेकिन आपमें दम है, मीर को धक्का मारने की। मीर को आप क्यों नहीं बोलते हो, वह बाहर का है। ये देश आप एक विशेष समुदाय के तुष्टीकरण से नहीं चला सकते।'

उधर बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस भेजने के मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा, 'कानून के रास्ते से लात मार-मारकर बांग्लादेशियों को बाहर निकालूंगा। कानून का रास्ता निकालूंगा और कानून के रास्ते से उनको लात मार-मार कर बाहर निकालूंगा।'

एक रिपोर्टर ने पूछा कि क्या हिमंता जी दोबारा इस धरती पर आएंगे तो जवाब में असम के सीएम ने कहा, 'अभी मैं इधर ही हूं, सरकार बनने पर पहला फैसला सीजीएल की परीक्षा रद्द करने का होगा, दूसरा फैसला गोगो दीदी योजना लागू करने का होगा, फिर मैं वापस गुवाहाटी जाऊंगा।'

बता दें कि हिमंता ने जिन गुलाम अहमद मीर का नाम लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा पर हमला किया, वे जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं और झारखंड चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भी हैं।

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