रांची समेत 5 शहरों में नई टाउनशिप बनाएगी सरकार, 97 करोड़ जारी; स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकास
नगर विकास एवं आवास विभाग ने झारखंड के पांच शहरों में नई टाउनशिप के विकास की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि 400 से 500 एकड़ भूमि उपलब्ध होने पर नई टाउनशिप के विकास की दिशा में काम शुरू किया जाएगा।

नगर विकास एवं आवास विभाग ने झारखंड के पांच शहरों में नई टाउनशिप के विकास की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग ने रांची, धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो और देवघर जिले के उपायुक्तों को पत्र लिखकर नई टाउनशिप के विकास के लिए भूमि उपलब्ध को कहा है। विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि 400 से 500 एकड़ भूमि उपलब्ध होने पर नई टाउनशिप के विकास की दिशा में काम शुरू किया जाएगा।
टाउनशिप का विकास स्मार्ट सिटी के तर्ज पर ईको फ्रेंडली अवधारणा के तहत किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण और आधारभूत संरचना के लिए 97 करोड़ का प्रावधान किया गया है। रांची में रिंग रोड के आसपास, धनबाद में नई आठ लेन रोड के ईद-गिर्द, देवघर में एयरपोर्ट के करीब और बोकारो व जमशेदपुर में भी नई टाउनशिप के लिए जमीन की तलाश चल रही है। राज्य सरकार शहरीकरण को संकट नहीं, अवसर मानकर इस दिशा में कदम बढ़ा रही है।
स्मार्ट सिटी की तर्ज पर होगा टाउनशिप का विकास
टाउनशिप का विकास स्मार्ट सिटी के तर्ज पर ईको फ्रेंडली अवधारणा के तहत किया जाएगा। स्मार्ट सिटी में तकनीक और डेटा का उपयोग करके नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाया जाता है। जहां यातायात को नियंत्रित करने के लिए स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल और ट्रैफिक मैनेजमेंट किया जाता है। ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए स्मार्ट ग्रिड और सोलर सिस्टम की व्यवस्था रहती है। ऐसी ही नई टाउनशिप में किए जाने की तैयारी है।
6.3 लाख शहरी के पास आवास नहीं
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 6.3 लाख शहरी के पास आवास का अभाव है। इनमें लगभग 95 फीसदी लोग आर्थिक रूप से कमजोर एवं अल्प-आय वर्ग से आते हैं। ऐसी स्थिति में विभाग के अंतर्गत आवास बोर्ड का उद्देश्य बढ़ते जनसंख्या घनत्व को देखते हुए नियोजित तरीके से भूमि का अधिग्रहण कर शहरी क्षेत्रों में टाउनशिप विकसित कर आवासन की सुविधा उपलब्ध कराना है। इसी के लिए आवास बोर्ड पांच शहरों में भूमि प्राप्त कर नई एवं सुव्यवस्थित टाउनशिप विकसित करने के लिए प्रयासरत है।
शहरीकरण संकट नहीं, एक अवसर
हेमंत सरकार मानती है कि शहरीकरण संकट नहीं बल्कि एक अवसर है। केवल गांव ही नहीं राज्य के लोग जहां भी रहें उन्हें वहां अवसर मिलना चाहिए। आवास को लेकर सरकार का मानना है कि यह व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गांवों से शहरों की ओर पलायन और आर्थिक उदारीकरण के कारण भारत में शहरीकरण का प्रतिशत 31.2 फीसदी तक जा पहुंचा है, जबकि झारखंड में यह 24 प्रतिशत है। गांवों से शहरों की ओर पलायन जारी रहेगा और वर्ष 2030 तक लगभग 40 फीसदी जनसंख्या शहरों में निवास करेगी। झारखंड के लिए यह लगभग 32 प्रतिशत रहेगा।