अब अलग कोयलांचल राज्य की उठी मांग, संघर्ष समिति का गठन
हजारीबाग में कोयलांचल राज्य की मांग के लिए बैठक हुई। इस बैठक में कोयलांचल संघर्ष समिति का गठन किया गया। समिति का कहना है कि झारखंड बनने के बाद ओबीसी समुदाय का विकास नहीं हुआ है। हजारीबाग को उपराजधानी...
हजारीबाग। वरीय संवाददाता हजारीबाग से अब अलग कोयलांचल राज्य की मांग उठी है। 14 दिसंबर को लारा में इस सिलसिले में बैठक भी की गयी। बैठक में सर्व समिति अलग राज्य के आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए कोयलांचल संघर्ष समिति बनायी गयी। बैठक में निर्णय लिया गया है कि कोयलांचल अलग राज्य की मांग को लेकर आंदोलन चलाया जाएगा। मौके पर समिति के संयोजक अनूप भाई ने कहा कि पहले उत्तारी छोटानागपुर का ज्यादातर इलाका रामगढ़ राज्य के नाम से जाना जाता था। बिहार से कट कर झारखंड राज्य बना तो जरूर पर हजारीबाग, धनबाद,बोकारो, गिरिडीह, कोडरमा ,चतरा, रामगढ़, लातेहार ,गढ़वा ,पलामू, डाल्टनगंज में निवास कर रहे लोगों का सही से सर्वांगीण विकास नहीं हो पाया। इन जिलों में सबसे अधिक ओबीसी कैटेगरी के आबादी है पर इन क्षेत्रों में ओबीसी के लिए विधानसभा ,लोकसभा सीट में किसी प्रकार का आरक्षण नहीं है। झारखंड में वही जनजाति के लिए 28 विधानसभा क्षेत्र आरक्षित है। झारखंड जब अलग राज्य बना तो रांची राजधानी बनी और उप राजधानी दुमका को बनाया सबसे पुराना जिला हजारीबाग होने के वजूद भी हजारीबाग को उपराजधानी नहीं बनाया गया। जिस बैठक में मुख्य रूप से अधिवक्ता मनोज कुमार राणा,अजय कुमार राणा, अमरदेव सिंह ,पिंटू सिंह ,राजेंद्र मेहता ,गणेश मेहता ,संजय मेहता ,अरविंद सिंह ,अखिलेश रविदास ,आशीष राणा ,सूरज राणा, महेंद्र मेहता ,सतीश पांडे ,पिंटू पांडे ,अरुण मेहता ,राजू ,मेहता संतोष साव ,बृजेश सिंह, प्रशांत कुमार, जागेश्वर प्रसाद मेहता, संतोष यादव समेत सैकड़ो की संख्या में लोग उपस्थित थे।
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