हजारीबाग के प्राइवेट अस्पतालों में नहीं हो रहा आयुष्मान योजना से इलाज,क्या है वजह?
एक निजी अस्पताल डायलिसिस की भी सेवा देता है। बताया कि यहां 71 किडनी मरीज रजिस्टर्ड हैं। उनका कहना था कि कई वैसे मरीज हैं जिनको सप्ताह में दो से तीन बार डायलिसिस लेना पड़ता है। जिसका एक डायलिसिस का चार्ज न्यूनतम 1200 और अधिकतम 2400 तक है।

जिले में आयुष्मान भारत योजना से संबंध 20 प्राइवेट अस्पतालों ने 5 मई से मरीजों को आयुष्मान योजना से इलाज करना बंद कर दिया है। आयुष्मान से इलाज कराने के लिए प्राइवेट अस्पताल पहुंचे मरीजों की परेशानी तब बढ़ गई जब अचानक नोटिस पर देखा कि निजी हॉस्पिटलों ने यह सेवा बंद कर दिया है। ऐसे में इनके पास बेहतर इलाज के लिए आयुष्मान ही एकमात्र विकल्प है उनकी आंखें छलक गई। एक निजी अस्पताल डायलिसिस की भी सेवा देता है। बताया कि यहां 71 किडनी मरीज रजिस्टर्ड हैं। उनका कहना था कि कई वैसे मरीज हैं जिनको सप्ताह में दो से तीन बार डायलिसिस लेना पड़ता है। जिसका एक डायलिसिस का चार्ज न्यूनतम 1200 और अधिकतम 2400 तक है।
शहर के एक निजी अस्पताल में डायलिसिस कराने पहुंचे टाटीझरिया के गोविंद रजक ने कहां की इस बीमारी के लगने के बाद कमाई भी हमारी रुक गई। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से हम डायलिसिस की सेवा लेते आ रहे हैं। अब आज जानकारी मिली कि इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। अब तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि हम क्या करें।
दारू से आए अयूब अंसारी,विष्णुगढ़ के शहाबुद्दीन अंसारी,बड़कागांव से आए सरोज कुमार मिश्रा, टाटी झरिया से आई रूबी देवी,चतरा के मयुरहंड से आए आनंद कुमार,उपेंद्र कुमार दास,शिवलाल महतो समेत तीन दर्जन से अधिक किडनी मरीज और उनके अटेंडेंट काफी निराश दिखे।
सभी का कहना था कि हम किडनी मरीज के लिए डायलिसिस ही जीने की उम्मीद है और इस उम्मीद को आयुष्मान भारत योजना पूरा कर रहा था। प्रबंधन ने बताया कि जुलाई 2024 से अर्थात 10 माह से आयुष्मान भारत योजना की राशि का भुगतान नहीं हुआ है।