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Hindi Newsझारखंड न्यूज़गिरिडीहAmit Shah s Rally to Spark Development Hopes in Jharkhand Dham

केंद्रीय गृह मंत्री के कार्यक्रम से झारखंडधाम के लोगों की उम्मीदें बढ़ीं

झारखंड में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की परिवर्तन रैली की शुरुआत गिरिडीह जिले के झारखंडधाम से होगी। लोगों को उम्मीद है कि इससे क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी। झारखंडधाम रेलवे हॉल्ट को ट्रेनों का...

Newswrap हिन्दुस्तान, गिरडीहThu, 19 Sep 2024 10:45 AM
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रेम्बा, प्रतिनिधि। झारखंड में परिवर्तन रैली को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम की शुरुआत गिरिडीह जिले के झारखंडधाम से होगी लिहाजा लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ी हुई हैं। लोगों को लगने लगा है कि अब इस क्षेत्र के बुरे दिन समाप्त होंगे और विकास का पहिया चल निकलेगा। यूं तो आम जनता के उम्मीदों की एक लंबी फेहरिश्त है लेकिन झारखंडधाम के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता मिलेगी ऐसा लोगों का मानना है। झारखंडधाम का सबसे निकट रेलवे हॉल्ट रेम्बा कठवारा के पास है और उक्त हॉल्ट को झारखंडधाम हॉल्ट के नाम से जाना जाता है। राज्य तथा देश के मानचित्र पर स्थापित होने के लिए उक्त हॉल्ट में महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। झारखंड तथा आसपास के प्रदेशों के लाखों शिवभक्त का वर्ष भर यहां आना-जाना लगा रहता है लिहाजा इंटरसिटी तथा वंदे भारत ट्रेन का ठहराव किए बगैर बुनियादी यात्री सुविधा उपलब्ध करवाने के दावे बेमतलब हो जाएंगे। यहां यह बता दें कि उक्त हॉल्ट की स्वीकृति स्थानीय भाजपा विधायक केदार हाजरा तथा केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी के प्रयास से मिली है। जनवरी 2024 से उक्त हॉल्ट में लोकल ट्रेन का ठहरा शुरू हुआ है। आसपास के लोगों का मानना है कि गृह मंत्री के द्वारा यह सौगात क्षेत्र को मिलेगी ऐसी उम्मीद की जा रही है। भारतीय संस्कृति और संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए झारखंड धाम में 1968 में हिंदी-संस्कृत विद्यापीठ,महाविद्यालय की स्थापना तत्कालीन शिक्षाविदों के द्वारा स्वर्गीय गोविंद पांडेय के नेतृत्व में की गई। प्रशासनिक उदासीनता के कारण उक्त महाविद्यालय बुनियादी संसाधनों का दंश झेल रहा है। ऐसे में देश के गृह मंत्री के यहां आने से उक्त महाविद्यालय के दिन भी बहुरेंगे ऐसा शिक्षा प्रेमियों का मानना है। इस बाबत दिलीप पांडेय तथा महेंद्र पंडा का कहना है कि झारखंडधाम में स्थित संस्कृत उच्च विद्यालय तथा महाविद्यालय की बदहाली दूर हुई तो झारखंडधाम का सांस्कृतिक तथा साहित्यिक विकास होना तय है। देश में ख्याति प्राप्त कर चुके झारखंडधाम की सबसे बड़ी समस्या यहां के भूमि का अतिक्रमण है। बढ़ रहे प्रशासनिक कवायद से झारखंडधाम को अतिक्रमण से मुक्ति मिलेगी या नहीं यह भविष्य के गर्भ में है। फिलहाल झारखंडी धाम महादेव स्थान धार्मिक न्यास समिति के साथ-साथ यहां के शिक्षण संस्थाओं तथा आम लोगों में गृह मंत्री के आने से विकास की उम्मीद जग गई है।

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