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कामडारा की जनजातीय महिला किसान हल्दी की व्यवसायिक खेती कर गढ रही नया आयाम

सौ महिला किसानों ने 15 एकड़ में पहली बार हल्दी की खेती सौ महिला किसानों ने 15 एकड़ में पहली बार हल्दी की खेती सौ महिला किसानों ने 15 एकड़ में पहली बार ह

Newswrap हिन्दुस्तान, गुमलाSun, 22 Sep 2024 11:18 PM
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कामडारा। प्रखंड की सौ जनजातीय महिला किसान 15 एकड़ जमीन पर पहली बार हल्दी की खेती की है। राजेन्द्र सोनिया हल्दी की इस वैरायटी की खेती अब प्रखंड में लहलहा रही है। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चर युनिवर्ससिटी पूसा समस्तीपुर बिहार से मंगाये गये पांच टन हल्दी बीज की खेती प्रखंड में की गई है। प्रदान संस्था व कामडारा प्रोड्यूसर फार्मर कंपनी लिमिटेड के माध्यम से जुड़ कर महिला किसान पहली बार हल्दी की खेती कर नये इतिहास गढ़ रही है। एक एकड़ जमीन पर आठ क्विंटल हल्दी बीज लगाया गया है। प्रति किलोग्राम 55 रूपये की दर से करीब 44 हजार रूपये की लागत लगी है। हल्दी की खेती जून -जुलाई माह में की गई है, और यह खेती आने वाले वर्ष फरवरी माह में तैयार हो जायेगी। एक किलोग्राम हल्दी की बीज से उत्पादन का लक्ष्य दस गुणा होगा । हल्दी की अच्छी पैदावार होने के बाद महिला किसान हल्दी को संस्था के माध्यम से 80 से 100 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचेगी। प्रखंड में उत्पादित किये गये सभी हल्दी घाघरा व लोहरदगा के प्लांट में पहुंचेगी। यहां मशीन के सहयोग से चूर्ण तैयार कर पैकिंग के पश्चात बाजारों में बेचे जाने की तैयारियां है।

महिला किसान के जीवन स्तर में हो रहा सुधार

प्रदान की एग्जीक्यूटिव नवलीन कौर और श्याम के मुताबिक प्रखंड की महिलाओं को रात्रि चौपाल कर वीडियोग्राफी के माध्यम से हल्दी खेती करने के लिए प्रेरित किया गया। कम पानी और मेहनत की बदौलत हल्दी की खेती को आसानी से किया जाता है । हल्दी की खेती को जानवरों से नुकसान भी नहीं पहुंचता है। यह खेती पलायन रोकने में भी कारगर साबित होती है। संस्था की बदौलत प्रखंड की महिलाएं आये दिन काफी तेजी से जागरूक हो रही है, और कई प्रकार की उन्नत खेती कर महिला किसान जहां एक ओर आत्मनिर्भर हो रही है ,वहीं दूसरी ओर आय दोगुनी कर महिला किसान के जीवन स्तर में सुधार भी हो रहा है।

आम बागवानी में भी खाली जगहों में हल्दी की खेती

महिला किसान मालावती देवी गांव लोयंगा,उर्मिला डुंगडुंग कारीचुंवा ,शोभा बरला गांव मुरगा,सुचिता तोपनो गांव सोनमेर,पौलिना एक्का गांव गाड़ा , लुईसा डुंगडुंग,रेबेका सोरेंग,सुप्रिया बरवार ,हर्षित गुड़िया,फिलोमिना सोरेंग समेत हल्दी खेती के कार्य कई अन्य महिला किसान जुटी है ।खाली बंजर पड़ी भूमि पर हल्दी खेती की हरियाली दूर-दूर तक लहलहा रही है । वहीं बिरसा हरित आम बागवानी में भी खाली जगहों पर हल्दी की खेती महिला किसानों ने लहलहा दी है।

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