भाजपा के शासनकाल में ओबीसी आरक्षण घटाने का लगाया आरोप
तेंतला में ओबीसी समाज की बैठक हुई, जिसमें आरक्षण को 27% से घटाकर 14% करने का विरोध किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के शासनकाल में इस मांग को नजरअंदाज किया गया। 2019 में हेमंत सोरेन से मांग की...
प्रखंड के तेंतला में शनिवार को वैष्णव, सुड़ी, गोप, कुम्हार, कैवर्त, तांती कुड़ी सहित समस्त ओबीसी समाज की संयुक्त बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता वैष्णव समाज के अध्यक्ष नवदीप दास ने की। वक्ताओं ने कहा कि भाजपा के शासनकाल और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के मुख्यमंत्री रहते बिहार राज्य के समय से ओबीसी समाज के पूर्ववत आरक्षण 27 प्रतिशत को घटाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया। उस समय विरोध प्रदर्शन किया गया एवं आरक्षण को 27 प्रतिशत लागू करने की मांग की गई, लेकिन अर्जुन मुंडा ने समाज की मांग को खारिज कर दिया था। वर्ष 2019 में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ओबीसी समाज के लिए आरक्षण को पुनः 27 प्रतिशत करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने इसे संज्ञान में लेते हुए वर्ष 2022 में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर विस से पारित कर महामहिम राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए भेजा, लेकिन भाजपा के इशारे पर राज्यपाल द्वारा इस बिल को लटकाकर रखा गया है। ओबीसी समाज के लिए आरक्षण बढ़ाने को पोटका विधायक संजीव सरदार व इंडिया गठबंधन ने पहल की है। इसलिए आसन्न विधानसभा चुनाव में ओबीसी समाज इंडिया गठबंधन और पोटका से झामुमो प्रत्याशी संजीव सरदार के साथ है। ओबीसी समाज पूर्व मुख्यमंत्री के फैसले से नाराज भी है। बैठक में भूपति भूषण महतो, उत्पल मंडल,गदाधर भकत, सुबल चंद्र भकत, प्रणय भकत, दिनेश कैवर्त, कान्हु किशोर बेरा, जगदीश चन्द्र पाल, कंचन दत्ता, बबलू कैवर्त, दिनबंधु पाल, हरेंद्र नाथ कश्यप सहित ओबीसी समाज के अनेक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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