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चक्रवात फेंगल से घाटशिला अनुमंडल में बारिश शुरू

चक्रवाती तूफान फेंगल का प्रभाव घाटशिला अनुमंडल में देखने को मिल रहा है। बारिश के कारण मौसम ठंडा हो गया है, जिससे स्कूलों में उपस्थिति कम रही। धान की फसल को भारी नुकसान हो रहा है, क्योंकि खेतों में काट...

Newswrap हिन्दुस्तान, घाटशिलाSat, 30 Nov 2024 07:04 PM
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चक्रवात फेंगल से घाटशिला अनुमंडल में बारिश शुरू

चक्रवाती तूफान फेंगल के प्रभाव घाटशिला अनुमंडल में व्यापक रूप से देखने को मिल रहा है। इस तुफान के प्रभाव के कारण शनिवार की अहले सुबह से रुप रुक तेज बुंदाबुदी हो रही है। बारिश का क्रम जो शनिवार की अहले सुबह शुरु हुआ समाचार लिखने तक जारी था। बारिश के कारण मौसम में काफी ठंढ़ापन देखने को मिल रहा है। बारिश के कारण स्कूल कॉलेज में भी छात्र छात्राओ की उपस्थिति कम देखने को मिला। सरकारी कार्यालय में भी सन्नाटा पसरा रहा। घाटशिला अनुमंडल के बाजारों में लोग जरुरी काम से छाते लेकर निकले। बादल छंटने के बाद और ठंढ़ बढ़ेगी। लगातार हो रही बारिश के कारण सबसे ज्यादा नुकसान धान की फसल में हो रही है। ‌खेतों में काट कर रखी गई धान की फसल पानी से भींग रही है। साथ ही धान की बाली भाड़ी हो गयी, जिससे उठाने के समय धान के झड़ने की उम्मीद किसान जता रहे है। खेत में खड़ी धान की तैयार फसल को तो भारी नुकसान हो रहा है।‌ सर्वाधिक नुकसान किसानों द्वारा खेत में ही काट कर रखी गई धान की फसलों को होगा। पानी से भींग रही धान की फसल की बालियों से अंकुर निकलने की संभावना बढ़ गई है। इससे क्षेत्र के किसान चिंतित होने लगे है। ‌क्योंकि अनेक किसानों ने धन कटनी के बाद फसल को खेत में ही रख छोड़ा है।‌ चाकुलिया प्रखंड में अधिकांश किसान हाथ से ही धान कटनी करवाते हैं। प्रखंड क्षेत्र के सैकड़ों ऐसे किसान हैं, जिनके खेतों में काट कर रखी गई धान की फसल पानी से भींग रही है। चाकुलिया के फालदोहा गांव के किसान तपन कुमार महतो, कालियाम पंचायत के मुखिया सह किसान दासो हेंब्रम ने कहा कि यह बारिश धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचाएगी। किसानों का कहना है कि बारिश धीमी है जिसके कारण धान की फसल को नुकसान तो हुआ है परंतु अगर अभी बारिश रुक जाए तो कम नुकसान होगा, परंतु भीगने के कारण काफी धान खराब हो जाएगा, जिसके कारण किसानों को लागत से काम मूल्य पर धान को बेचना पड़ेगा। प्रखंड क्षेत्र में धान की कटाई का काम काफी अधिक बाकी है, धान अभी कटाई के बाद भी खेत में ही पड़े हुए हैं। खलिहान में अभी नहीं पहुंचे थे। मौसम वैज्ञानिक की माने तो ऐसा मौसम 2 दिसंबर तक रहने की संभावना है, उसके बाद ही मौसम साफ होगा।

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