घाटशिला कॉलेज में लाको बोदरा की जयंती मनाई
घाटशिला महाविद्यालय में संताली विभाग ने हो भाषा के जनक लाको बोदरा की 105वीं जयंती मनाई। प्राचार्य डॉ. आरके चौधरी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और लाको बोदरा के योगदान को सराहा। उन्होंने बताया कि भाषा...
घाटशिला महाविद्यालय के संताली विभाग की ओर से हो भाषा के जनक लाको बोदरा की 105वीं जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डॉ. आरके चौधरी ने लाको बोदरा की तस्वीर पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्राचार्य डॉ. चौधरी ने कहा कि आदिवासी दार्शनिक गुरुकुल लाको बोदरा ने हो भाषा की लिपि वारंग क्षिति की खोज 1940 में की थी। इसके प्रचार के लिए आदि संस्कृति एवं विज्ञान शोध संस्थान की स्थापना की गई। प्राचार्य ने यह भी बताया कि संताली साहित्य में जो स्थान पंडित रघुनाथ मुर्मू का है, वही स्थान हो भाषा में गुरु लाको बोदरा का है। प्राचार्य ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता के विकास में भाषा का अहम योगदान रहता है। भाषा धार्मिक और सांस्कृतिक एकता को बढ़ाती है। इसलिए सभी भाषाओं के प्रति सम्मान की भावना रखना चाहिए।
कार्यक्रम में प्रोफेसर इंदल पासवान एवं प्रो मानिक मार्डी ने भी संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर बसंती मार्डी ने किया। इस मौके पर डॉ पीके गुप्ता, डॉक्टर एसपी सिंह, प्रोफेसर अर्चना सुरीन, हो भाषी छात्रों में विशाल पूर्ति, संध्या रानी हेम्ब्रम, ज्योति हेम्ब्रम, प्रीति सुंडी, संजीव बिरुली, रश्मि पूर्ति आदि के साथ छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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