जमशेदपुर में पूर्व कांग्रेस नेता के भाई को गोलियों से भूना- मौत; पिता की हत्या का लिया बदला
- रविवार रात 8 बजे कांग्रेस के पूर्व नेता जीतेन्द्र सिंह के भाई और ट्रांसपोर्टर संतोष सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या से पहले अपराधियों ने वहां की लाइट बंद करवा दी थीं।
झारखंड के जमशेदपुर में पूर्व कांग्रेस नेता के भाई की हत्या की सनसनीखेज वारदात ने सबको हैरान कर दिया है। मानगो के गुरुद्वारा रोड में रविवार रात 8 बजे कांग्रेस के पूर्व नेता जीतेन्द्र सिंह के भाई और ट्रांसपोर्टर संतोष सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। संतोष सिंह की मानगो बाजार में कपड़े की दुकान भी है, जहां से पैसे लेकर वे घर की तरफ स्कूटी से जा रहे थे। हत्या से पहले अपराधियों ने वहां की लाइट बंद करवा दी थीं।
तीन राउंड फायरिंग, फिर घर में घुसकर मारी गोली
घर के रास्ते में घात लगाकर बैठे अपराधियों ने पहले उनपर तीन राउंड गोली चलाईं, जो पीठ में लगी। गोली लगने के बाद वे घर में घुस गए, जहां पहुंचकर हमलावरों ने सिर से सटाकर गोली मार दी। चार गोली लगने के कारण संतोष सिंह ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। आरोप है कि रोहित दीक्षित ने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए हत्या कराई।
भतीजी की शादी से पहले चाचा की हुई हत्या
सूचना मिलते ही मौके पर एसपी सिटी कुमार शिवाशीष के अलावा मानगो और आजादनगर के थाना प्रभारी पहुंचे और घटनास्थल से चार खोखा बरामद किया। शव को घटना के दो घंटे बाद घर से उठाया गया। संतोष के भाई जीतेन्द्र सिंह ने बताया कि घर में भतीजी की शादी है और वे लोग कार्ड बांटने गए थे। इस बीच घटना की जानकारी मिली। घर से 50 मीटर दूर उनके भाई का शव मिला। वह जान बचाने के लिए घर में घुसा था, जहां उसे गोली मारी गई। एसपी सिटी शिवाशीष ने बताया कि हमलावरों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
बीते 10 दिनों से चल रही थी रेकी
सूत्रों के अनुसार, पिता की हत्या के बाद से रोहित ने अपनी टीम तैयार की थी और 10 दिन से लगातार अपराधियों का उसके घर आना-जाना लगा था। जो युवक उसके घर आना-जाना कर रहे थे, उसमें कुछ नए चेहरे भी थे। माना जा रहा है कि पिछले 10 दिन से हत्या के लिए रेकी चल रही थी।
दौड़ा-दौड़ाकर मारा, फिर घर में घुसकर की फायरिंग
100 मीटर तक दौड़ाकर मारा : लोगों ने बताया कि करीब 100 मीटर तक दौड़ाकर पीछा करते हुए संतोष को गोली मारी गई। संतोष ने पहले ही भांप लिया था कि उसे मारने के लिए लोग खड़े हैं। जब उसे गोली मारते हुए दौड़ाया गया तो वह भागकर जिस घर में घुसा, उसमें एक ही कमरा था। वह बरामदे में जा गिरा, जिसके बाद उसे गोली मारी गई।
घंटे भर से रेकी, गली में पहुंचते ही फायरिंग शुरू कर दी
स्थानीय लोगों ने बताया कि हत्यारों ने घटना से पहले जिस रास्ते से संतोष सिंह का आना-जाना था, उस रास्ते की सभी लाइट को बंद करा दिया था। ज्योंहि स्कूटी से संतोष मन्नान गली होकर पहुंचे कि उनपर पहले तीन गोली चलाई गई। गोली लगते ही वह स्कूटी से गिर गए। गिरने के बावजूद उनपर लगातार फायरिंग की गई। हमलावरों की संख्या पांच थी। सभी जीतेन्द्र सिंह के घर की तरफ जाने वाले रास्ते में करीब एक घंटे से रेकी कर रहे थे।
समय आने पर जवाब देंगे, जितेंद्र सिंह
अपने भाई की हत्या के बाद जीतेन्द्र सिंह ने कहा कि उनके घर में 25 जनवरी को शादी है। प्रशासन को भी मालूम है कि किनलोगों ने हत्या की है। प्रशासन ने समय मांगा है। ऐसा नहीं कि वे खामोश रहेंगे। समय आने पर इसका जवाब देंगे।
पिता की हत्या का बदला लेने की बात सामने आई
मानगो गुरुद्वारा रोड में रविवार की रात हुई संतोष सिंह की हत्या में पशुपतिनाथ दीक्षित उर्फ डब्बू दीक्षित के बेटे रोहित दीक्षित का नाम सामने आया है। उसने ही पिता की हत्या का बदला लेने के लिए नया गिरोह तैयार कर संतोष को मौत के घाट उतारा। संतोष की हत्या उसी इलाके में की गई, जहां डब्बू की हत्या हुई थी।
साल 2014 में भाजपा कार्यकर्ता की हुई थी हत्या
मानगो गुरुद्वारा रोड मुंशी मोहल्ला के पास भाजपा कार्यकर्ता पशुपतिनाथ दीक्षित उर्फ डब्बू दीक्षित की 12 सितंबर 2014 की सुबह करीब 10.30 बजे तीन बाइक से आए सात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। बदमाशों ने उन्हें घर के पास पांच गोली मारकर फरार हो गए थे। परिजनों ने टेंपो से उन्हें टीएमएच पहुंचाया था, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था।
डब्बू दीक्षित की हत्या के आरोप में दोनों भाई गए थे जेल
इस मामले में तत्कालीन कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष जीतेंद्र सिंह समेत पांच को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसमें जीतेन्द्र सिंह और उसके भाई संतोष सिंह को जेल भेजा गया था। हत्या में प्राथमिकी मृतक की पत्नी डॉली देवी के बयान पर दर्ज की गई थी, जिसमें जीतेंद्र सिंह, उनके दोनों भाई और दो अज्ञात को आरोपी बनाया गया था। जब डब्बू की हत्या हुई थी, उस वक्त वे भाजपा में थे, जबकि उनके प्रतिद्वंदी जीतेन्द्र सिंह कांग्रेस में थे। दोनों पड़ोसी हैं और उनके बीच पहले से ही विवाद चला आ रहा था।
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