रेप के बाद इंजीनियरिंग छात्रा को आग से जलाकर मार डाला था, सुप्रीम कोर्ट ने दोषी के मृत्युदंड पर लगाई रोक
- सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड की राजधानी रांची में 19 साल की इंजीनियरिंग छात्रा से रेप और उसकी हत्या किए जाने के मामले में दोषी ठहराए गए 30 साल के व्यक्ति को सुनाई गई मौत की सजा पर मंगलवार को रोक लगा दी।
सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड की राजधानी रांची में 19 साल की इंजीनियरिंग छात्रा से रेप और उसकी हत्या किए जाने के मामले में दोषी ठहराए गए 30 साल के व्यक्ति को सुनाई गई मौत की सजा पर मंगलवार को रोक लगा दी। आरोपी ने साल 2016 में रेप के बाद पीड़िता का गला घोंट दिया था। इसके बाद आग से जलाकर उसे मार डाला।
सुप्रीम कोर्ट ने दोषी के मृत्युदंड पर लगाई रोक
न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने निचली अदालत और उच्च न्यायालय के रिकॉर्ड की अनुवादित प्रति मांगी। पीठ ने कहा, 'मृत्युदंड की तामील पर रोक रहेगी। रजिस्ट्री ऑनलाइन प्रति के अलावा निचली अदालत और उच्च न्यायालय से रिकॉर्ड की प्रति हासिल करे।' झारखंड उच्च न्यायालय ने बिहार के नवादा जिले के रहने वाले राहुल कुमार उर्फ राहुल राज को निचली अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा की नौ सितंबर को पुष्टि की थी।
2016 में छात्रा की कर दी गई थी हत्या
युवती की 15 दिसंबर 2016 को हत्या कर दी गई थी। उससे बलात्कार करने के बाद उसका गला घोंट दिया गया था और फिर उसे आग लगा दी गई थी। इस घटना के तीन साल बाद दिसंबर 2019 में निचली अदालत ने कुमार को मौत की सजा सुनाई थी।
यह भी जानिए: पड़ोसी की बेटी से यौन संबंध बनाने के जुर्म में 20 वर्ष की सजा
वहीं एक अन्य मामले में झारखंड में पॉक्सो मामले के विशेष न्यायाधीश आसिफ इकबाल की अदालत ने नाबालिग से शारीरिक संबंध बनाने के जुर्म में हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र निवासी मो. अली उर्फ नूर अली को दोषी पाकर 20 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
अभियुक्त पर अपने पड़ोसी की बेटी के साथ जबरदस्ती करने का आरोप था। अदालत ने 29 नवंबर को उक्त आरोप में दोषी पाया था। इस घटना को लेकर पीड़िता के परिजन ने हिंदपीढ़ी थाना में 8 जून 2022 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अभियुक्त ने नाबालिग को शादी का प्रलोभन देकर बहला-फुसलाकर भगा ले गया और धमकी व भय दिखाकर उसके साथ शारीरिक संबंध भी स्थापित किया। अभियुक्त ने शारीरिक संबंध बनाने के बाद नाबालिग को घटना के बारे में किसी को बताने से मना किया था। आरोप यह भी था कि अभियुक्त ने मां, बहन, भाभी और भाइयों से मिलकर पीड़िता के माता-पिता और बेटियों के साथ मारपीट की थी। अभियुक्त को उक्त आरोप में 11 जून 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।