GST घोटाले में ED का बड़ा ऐक्शन, 800 करोड़ घोटाले में जमशेदपुर का कारोबारी गिरफ्तार
जीएसटी घोटाले को लेकर गुरुवार को ईडी ने जमशेदपुर में बड़ी कार्रवाई की है। यहां ईडी ने 800 करोड़ रुपए के घोटाला केस में कारोबारी को गिरफ्तार किया है।

शेल कंपनियों के नाम पर जीएसटी इंट्री कर 800 करोड़ से अधिक के फर्जीवाड़े से जुड़े केस में ईडी ने ईसीआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। गुरुवार की सुबह एक साथ तीन जगहों रांची, जमशेदपुर और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में कुछ नौ ठिकानों पर छापेमारी की। गुरुवार की देर शाम जमशेदपुर के एक कारोबारी अमित अग्रवाल उर्फ विक्की भालोटिया को ईडी ने पूछताछ के बाद उसके जुगसलाई स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया।
पूर्व में भी इस मामले में 2023 में अमित अग्रवाल उर्फ विक्की भालोटिया की गिरफ्तारी हुई थी, फिलहाल वह जमानत पर था। ईडी की टीम उसे गिरफ्तार कर रांची ले आई है। रांची में कांके रोड में रहने वाले कारोबारी विवेक नरसरिया के इशान अपार्टमेंट स्थित फ्लैट नंबर 201, कोलकाता के साल्ट लेक इलाके में कारोबारी शिव कुमार देवड़ा, अमित गुप्ता और सुमित गुप्ता के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान ईडी ने डिजिटल डिवाइस, निवेश से जुड़े दस्तावेज समेत महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद किए हैं। जानकारी के अनुसार, ईडी ने जमशेदपुर में विक्की भालोटिया के ठिकानों पर पहले तो छापेमारी की। देर शाम उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। इसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या है मामला
शिव कुमार देवड़ा, सुमित गुप्ता और अमित गुप्ता समेत आरोपियों पर लगभग 14,325 करोड़ के फर्जी चालान बनाने का आरोप है, जिसके परिणामस्वरूप 800 करोड़ से अधिक के अयोग्य दावे किए गए थे। इस तरह सरकार को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इस मामले में जीएसटी इंटेलीजेंस ने पूर्व में कार्रवाई की थी। तब जीएसटी अधिकारी दिनेश सिंह के बयान पर केस दर्ज कर शिव कुमार देवड़ा, सुमित गुप्ता व अमित गुप्ता को जेल भेज दिया गया था। सुमित व अमित गुप्ता जमशेदपुर के रहने वाले हैं। हालांकि अब सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं। ईडी अधिकारियों के मुताबिक, तलाशी का उद्देश्य धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत अपराध की आय से जुड़े दस्तावेजों और संपत्तियों को उजागर करना है। ईडी को इससे जुड़े साक्ष्य भी मिले हैं। जांच से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, 90 से अधिक शेल कंपनियों के जरिए जीएसटी चोरी को अंजाम दिया गया था।