चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जेआरसीए के सहयोगी संगठनों ने सराहा
चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का देश के सभी गैरसरकारी संगठनों ने स्वागत किया है। यह फैसला बच्चों के अधिकारों के संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगा। कोर्ट ने पॉक्सो कानून में 'चाइल्ड...
जरमुंडी, प्रतिनिधि। चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बाल अधिकारों के संरक्षण से जुड़े देश के सभी गैरसरकारी संगठनों ने स्वागत किया है। जेआरसीए के सहयोगी संगठन ग्राम साथी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह साइबर जगत में बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। बता दें कि बच्चों के अश्लील वीडियो डाउनलोड करने, उन्हें देखने या किसी से साझा करने के अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और सूचना तकनीक कानून के तहत अपराध करार देने के सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला देश के 120 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन अलायंस (जेआरसीए) की याचिका पर आया है।
शीर्ष अदालत ने जेआरसीए की याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें कहा था कि इस तरह की सामग्रियों को डाउनलोड करना और देखना दंडनीय अपराध नहीं है, यह सिर्फ नैतिक पतन है। फैसले में शीर्ष अदालत ने सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह पॉक्सो कानून में “चाइल्ड पोर्नोग्राफी” की जगह “बाल यौन शोषण एवं दुर्व्यवहार सामग्री” शब्द का इस्तेमाल करे, ताकि जमीनी हकीकत और इस अपराध की गंभीरता एवं इसके विस्तार को सही तरीके से परिलक्षित किया जा सके।
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