सीजीएल परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर बंदी का खास असर नहीं
दुमका में छात्र समन्वय समिति ने 21-22 सितंबर को आयोजित झारखंड स्टेट सर्विस कमीशन की सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर बंद का आह्वान किया। हालांकि, बंद का खास असर नहीं हुआ, बाजार खुले रहे और लोग...
दुमका, प्रतिनिधि। छात्र समन्वय समिति की ओर से झारखंड स्टेट सर्विस कमीशन (जेएसएससी) की ओर से 21 और 22 सितंबर को आयोजित सीजीएल परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर मुख्यालय में बंदी का असरदार कुछ खास नहीं रहा। छात्र नेताओं श्यामदेव हेंब्रम, एवं राजीव बास्की नेतृत्व में शहर में गुरुवार को सुबह करीब 7 बजे ही आंदोलनकारी सड़क पर उतर गए। आंदोलनकारी पारंपरिक यंत्र के साथ थे। सूचना के बाद आंदोलनकारियों से निबटने के लिए बड़ी संख्या में चौक चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई। बंदी के दौरान शहर के सभी बाजार खुले रहे बंद का कोई असर नहीं रहा। रोजमर्रा की तरह सड़कों पर लोग आ-जा रहे थे। वही दूध डेयरी व दवाइयों की दुकानें ही खुली नजर आई। पुलिस की गाड़ियां सड़कों पर गश्त लगातार करती रही। वहीं सबसे ज्यादा प्रभावित दुमका-पाकुड़ मुख्य पथ हुआ इन पदों पर कोई भी वाहनों का परिवहन होने नहीं दिया गया। जिसकी वजह से वाहनों की लंबी कतार लग गई । इस दौरान झारखंड बंदी में यात्री जाम में फंसे रहे। गर्मी के चलते जाम में फंसे वाहनों में बैठे यात्रियों विशेषकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। कुछ यात्री बस को छोड़कर पैदल चलते हुए नजर आए।
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