Hindi Newsझारखंड न्यूज़दुमकाMassive Fire Destroys 72 Shops in Basukinath Investigation Underway

छोटी-बड़ी 72 दुकानें और 37 फुटपाथी दुकान जलकर खाक

बासुकीनाथ धाम के चूड़ी गली में अज्ञात कारणों से हुई भीषण आग में 72 दुकानें जल गईं, जिससे करोड़ों का नुकसान हुआ। घटना के बाद आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड का सहयोग लिया गया। प्रशासन पीड़ितों को...

Newswrap हिन्दुस्तान, दुमकाMon, 21 Oct 2024 02:43 AM
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जरमुंडी। प्रसिद्ध तीर्थस्थल बासुकीनाथ धाम के चूड़ी गली में बीती रात अज्ञात कारणों से हुई भीषण अगलगी की घटना में छोटी-बड़ी 72 दुकानें जलकर खाक हो गई। अगलगी की घटना में करोड़ों रुपए की संपत्ति के नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। घटना के बाद फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पा लिया गया, किन्तु इस भीषण अग्निकांड में दुकानदारों का सबकुछ बर्बाद हो गया है। आगलगी का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। भीषण अगलगी की सूचना पाकर दुमका के अनुमंडल पदाधिकारी कौशल कुमार रात में ही बासुकीनाथ पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया। उन्होंने इस बाबत पत्रकारों को बताया कि आगलगी मामले में प्रशासन द्वारा पीड़ित को हुए नुकसान की भरपाई के लिए समुचित मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चुनाव को लेकर फिलहाल राज्य में आचार संहिता लागू है। विधानसभा चुनाव के पश्चात फायर ब्रिगेड के एक यूनिट की स्थायी रूप से बासुकीनाथ में स्थापना का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है, इसकी जांच की जा रही है।

बासुकीनाथ चुड़ीगली में अबतक पांच बार लग चुकी है भीषण आग...

बासुकीनाथ के चुड़ी गली के पीड़ित दुकानदारों ने बताया कि चूड़ी गली में अगलगी की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी बासुकीनाथ में कई बार भीषण अगलगी की कई ऐसी घटनाएं घट चुकी है। बावजूद इस तीर्थ नगरी में एक युनिट स्थायी अग्निशमन दस्ता की स्थापना आजतक नहीं की गई है। यहां बता दें कि बासुकीनाथ के स्थानीय दुकानदार बीते एक दशक में पांच बार भीषण अग्नि कांड की विभीषिका झेल चुके हैं। बता दें कि पिछली बार हुए अग्नि कांड के बाद स्थानीय विधायक बादल पत्रलेख ने कहा था कि बासुकीनाथ धाम में विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला के मद्देनजर जरमुंडी में एक युनिट स्थायी अग्निशमन दस्ता की स्वीकृति सहित जरमुंडी को अनुमंडल का दर्जा दिलाया जाएगा। किन्तु एक दशक तक विधायक और मंत्री रहने के बावजूद उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया। आगलगी की घटना को लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों का मानना है कि अगर बासुकीनाथ में फायर ब्रिगेड की व्यवस्था रहती तो आग पर तुरंत काबू पाया जा सकता था और आर्थिक नुकसान को कम किया जा सकता था।

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